27 नक्षत्र और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां
27 नक्षत्रों को ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तारों का एक समूह है जिसका व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इन 27 नक्षत्रों के अलग-अलग गुण होते हैं। आज अपने इस लेख में हम आपको इन नक्षत्रों के नाम बताएंगे। साथ ही हम आपको जानकारी देंगे कि कौन से नक्षत्र शुभ माने जाते हैं और कौन से अशुभ।
नक्षत्र क्या हैं?
विज्ञान की दृष्टि से देखें तो नक्षत्र आकाश मंडल के वह पिंड हैं जो स्थिर रहते हैं। पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा इन नक्षत्रों से गुजरता है। जिस भी नक्षत्र में चंद्रमा होता है उसे एक विशेष नाम से जाना जाता है। कुल मिलाकर कहें तो तारामंडल 27 भागों में बंटा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के जन्म के दौरान चंद्रमा जिस भी नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति का जन्म नक्षत्र होता है।
27 नक्षत्र- नाम, स्वामी और विशेषता
नक्षत्र स्वामी | विशेषता | |
अश्विन केतु | इस नक्षत्र में जन्में लोग ऊर्जा से भरे और हमेशा सक्रिय रहते हैं। | |
भरणी शुक्र | आकर्षक व्यक्तित्व के धनी इस नक्षत्र में जन्मे लोग शानोशौकत से जीना पसंद करते हैं। | |
कृतिका सूर्य | इस नक्षत्र वाले लोग उत्साह से भरे होते हैं लेकिन उनके गुस्से की अधिकता भी देखी जाती है। | |
रोहिणी चंद्रमा | इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक कल्पानशील होते हैं और कलात्मक प्रवृति इनमें होती है। | |
मृगशिरा मंगल | मंगल का यह नक्षत्र व्यक्ति को साहसी प्रवृति प्रदान करता है और नेतृत्व करने की क्षमता देता है। | |
आर्द्रा राहु | इस नक्षत्र में जन्मे लोग लोग राजनीति के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। | |
पुनर्वसु गुरु | इनकी स्मरण शक्ति अच्छी होती है। इसके साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में धार्मिक प्रवृति भी देखी जाती है। | |
पुष्य शनि | मेहनती प्रवृति वाले इस नक्षत्र में जन्मे लोग विपरीत लिंग के लोगों के प्रित बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं। | |
अश्लेषा बुध | इस नक्षत्र के लोगों में मौक़ापरस्त और ईमानदारी जैसे गुणों का संगम होता है। | |
मघा केतु | मेहनती और किसी भी काम को बहुत जल्दी खत्म करने की प्रवृति इस नक्षत्र वालों में देखी जाती है। | |
पूर्वाफाल्गुनी शुक्र | इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कलाप्रेमी होते हैं और आर्थिक रूप से भी मजबूत होते हैं। | |
उत्तराफाल्गुनी सूर्य | इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में समझदारी और दूरदर्शिता देखी जाती है। | |
हस्त चंद्रमा | सुख सुविधाओं का आनंद उठाने वाले और व्यापार की अच्छी समझ रखने वाले। | |
चित्रा मंगल | इस नक्षत्र में जन्मे लोग परिश्रम करने वाले और सामजसेवी प्रवृति के होते हैं। | |
स्वाति राहू | राहु के इस नक्षत्र में जन्मे लोग अच्छे स्वभाव वाले और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले। | |
विशाखा गुरु | इस नक्षत्र में जन्मे लोग शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत और कठिन परिश्रम करने वाले। | |
अनुराधा शनि | इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपने आदर्शों पर जीने वाले, भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने वाले होते हैं। | |
ज्येष्ठा बुध | इस नक्षत्र में जन्मे जातक जल्दी बुरा मानने वाले और बंधनों से मुक्त होकर जीने की चाहत रखने वाले होते हैं। | |
मूल केतु | केतु के इस नक्षत्र में जन्मे लोग वफादार लेकिन परिवारिक जीवन में कष्ट भोगने वाले होते हैं। | |
पूर्वाषाढ़ा शुक्र | इस नक्षत्र में जन्मे लोग खुशमिजाज, साहित्य और कला के प्रेमी होते हैं। | |
उत्तराषाढ़ा सूर्य | सहयोगात्मक प्रवृति और नौकरी पेशा जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना इस नक्षत्र में जन्मे लोगों का गुण होता है। | |
श्रवण चंद्रमा | अपने कर्तव्यों को ही अपना जीवन समझने वाले। स्वभाव से ईमानदार। | |
धनिष्ठा मंगल | इस नक्षत्र में जन्मे लोग मेहनती और अपनी लगन से हर प्रकार की सफलता पाने वाले होते हैं। | |
शतभिषा राहु | बुद्धिमान और खुलकर जीवन जीने की कोशिश करने वाले। | |
पूर्वाभाद्रपद गुरु | ज्योतिष जैसी विद्याओं में माहिर, बुद्धिमान। | |
उत्तराभाद्रपद शनि | स्पष्टवादी और काल्पनिक विचारों से दूर रहने वाले। | |
रेवती बुध | इस नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक शिक्षित, ईमानदार और समाज का हित सोचने वाले होते हैं। |
27 नक्षत्रों के इस समूह में कुछ नक्षत्रों को शुभ तथा कुछ को अशुभ माना जाता है। आइए अब जानते हैं कि इनमें कौन सा नक्षत्र शुभ है, कौन सा सामान्य और कौन सा अशुभ।
इन 15 नक्षत्रों को माना जाता है शुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विनी, रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा, हस्त, रेवती, चित्रा, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, पुनर्वसु, उत्तरा फाल्गुनी और घनिष्ठा नक्षत्र अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन नक्षत्रों में कोई भी कार्य करने से उसमें सफल होने की संभावना अधिक रहती है।
इन नक्षत्रों को माना जाता है सामान्य फलदायी
पूर्वाषाढ़ा, पूर्वा फाल्गुनी, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूल और शतभिषा वह नक्षत्र हैं जिनको ज्योतिषशास्त्र में सामान्य फल देने वाला माना जाता है। इन नक्षत्रों में सामान्य तरह के काम करना उचित माना जाता है।
इन नक्षत्रों को माना जाता है अशुभ
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कृतिका, भरणी, अश्लेषा और मघा वह नक्षत्र हैं जिन्हें शुभ नहीं माना जाता। हालांकि इन नक्षत्रों में विध्वंसक काम करना जैसे किसी बम का परीक्षण, किसी स्थान में तोड़-फोड़ का काम करना शुभ माना जाता है।
भारत के प्राचीन शास्त्रों में यह वर्णित है कि 27 नक्षत्र चंद्रमा के 27 पत्नियां हैं। एक कथा के अनुसार दक्ष प्रजापति की 27 बेटियां थीं जिनसे चंद्र देव ने विवाह किया था। इन सभी रानियों में चंद्रमा को सबसे प्रिय रोहिणी थी।