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रत्न धारण रति

माणिक- माणिक रत्न का वजन कम से कम तीन रत्ती का होना चाहिए।
हीरा- हीरा पहनने वाले लोगों का ध्यान रखना चाहिए कि वजन कम से कम डेढ़ रत्ती का है या नही।
नीलम- नीलम का वजन कम से कम चार रत्ती का होना चाहिए।
पन्ना- कम से कम तीन रत्ती से छह रत्ती का होना चाहिए।
पुखराज- कम-से-कम तीन रत्ती से चार रत्ती का होना चाहिए। 6,11 या 15 रत्ती का पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए।
मोती- कम-से-कम 4,6,2 या 11 रत्ती का होना चाहिए, परन्तु 7 अथवा 8 रत्ती का कभी नहीं पहनना चाहिए।
मूंगा- कम- से-कम 4 से 6,11 या 13 रत्ती का होना चाहिए, परन्तु 5 या 14 रत्ती का कभी नहीं पहनना चाहिए।
गोमेद- कम-के-कम 4 से 6,11 या 13 रत्ती का होना चाहिए, परन्तु 7,10 या 16 रत्ती का कभी नहीं पहनना चाहिए।
लहसुनिया- कम-से-कम 4 रत्ती से 7 रत्ती का हना चाहिए, परन्तु 13 रत्ती का कभी नहीं पहनना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार आपको अपनी राशि के अनुसार ही रत्नों को धारण करना चाहिए। ऐसा करने से आपको रत्न पहनने का विशेष लाभ मिलता है। वहीं अगर अपनी मर्जी से रत्न पहनते हैं तो उसका फल नहीं मिलेगा। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि वृषभ राशि के लोगों को विशेष रुप से मूंगा और पुखराज रत्न धारण नहीं करना चाहिए। वहीं मेष राशि के लोगों के लोगों को पन्ना और पुखराज रत्न धारण नहीं करना चाहिए। सिंह राशि के लोगों को कभी शनि का नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए।

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