हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन मां सीता का प्राकट्य हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को सीता नवमी के रूप में मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत हुई है। वर्ष 2021 में सीता नवमी 21 मई के दिन पड़ रही है। सीता नवमी के दिन मां सीता और प्रभु श्री राम की पूजा के साथ व्रत करना विशेष फलदाई माना जाता है। इसके अलावा जिन लोगों को संतान प्राप्ति की इच्छा हो उनके लिए भी इस दिन का व्रत विशेष फलदाई माना जाता है।
तो आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सीता नवमी के दिन का शुभ पूजन मुहूर्त क्या है और साथ ही इस दिन किन उपायों को करके आप निरोगी जीवन का वरदान प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही जानते थे कि इस दिन की पूजा में किन मंत्रों को शामिल करना शुभ होता है।
2021 में सीता नवमी कब है?
21 मई, 2021 (वैशाख माह)
शुभ मुहूर्त
अभिजीत :11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
सीता नवमी उपाय
जैसा कि हमने पहले बताया कि, सीता नवमी के दिन पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को निरोगी जीवन का वरदान प्राप्त होता है। ऐसे में आप चाहे तो इस दिन निरोगी काया के लिए एक सरल उपाय यह भी कर सकते हैं कि, इस दिन चंद्र देव की पूजा अवश्य करें। कहा जाता है कि सूर्य, चंद्रमा, और अग्नि मां सीता का स्वरूप होते हैं और सीता नवमी के दिन चंद्रमा की किरणें विशेष औषधि गुण के साथ धरती पर उतरती हैं। इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य के लिहाज से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा सुहाग की रक्षा और लंबी उम्र के लिए इस दिन की पूजा में मां सीता को सुहाग की पेटी या सुहाग का सारा सामान अवश्य अर्पित करें। सुहाग के सामान के साथ पीले और लाल रंग के फूल और लाल रंग साड़ी अवश्य चढ़ाएं। कहा जाता है यह उपाय करने से आपका सुहाग अमर बना रहता है।
इसके अलावा यदि आपको संतान प्राप्ति की चाह है तो सीता नवमी के दिन सीता स्त्रोत का पाठ अवश्य करें।
यदि आपके घर में पारिवारिक कलह क्लेश बढ़ गए हैं तो सीता नवमी के दिन पूजा में पीले रंग के फूलों की माला अवश्य शामिल करें। इसके अलावा पूजा में पीले रंग की भोग वस्तुएं शामिल करें और मिट्टी के दीए में कपूर रखकर आरती करें। इस दिन की पूजा में “श्री सीता रामाय नमः” मंत्र की एक माला का जाप करें। जप करने के बाद और पूजा समाप्त होने के बाद भोग जरूरतमंद बच्चों और स्त्रियों में वितरित कर दें।
इसके अलावा आप सीता नवमी के दिन खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित करने के लिए सुबह और शाम की पूजा में पीले और लाल रंग के फूल शामिल करें। एक नारियल लें और उस पर कलावा लपेट कर भोग के साथ इसे प्रभु श्री राम को अर्पित कर दें। इस दिन की पूजा में राम रक्षा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। पूजा समाप्त होने के बाद पूजा में शामिल हुआ जल अपने पूरे घर में छिड़क दें और इसका सेवन भी करें।
इस दिन की पूजा में अवश्य शामिल करें ये मंत्र
ॐ श्री सीताये नमः ।।
और
‘श्री सीता-रामाय नमः।।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा Omasttro के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।