भगवती सरस्वती के मंत्र : अर्थ और लाभ
मां सरस्वती को विद्या और बुद्धि की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती के मंत्र, आरती और वंदना का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्माजी के आशीर्वाद से मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से मिलता है बुद्धि का वरदान-
लेख में-
सरस्वती मूल मंत्र।
विद्या-दायिनी सरस्वती मंत्र।
सरस्वती वंदना मंत्र।
1. सरस्वती मूल मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः ॥
मंत्र का अर्थ:
बुद्धि और सम्पन्नता से युक्त माता महासरस्वती को हमारा प्रणाम है। मां हमें सद्बुद्धि प्रदान करें और अपनी शरण में लें।
मंत्र का लाभ:
इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि और वाणी की शक्ति बढ़ती है, इसके साथ ही एकाग्रता में भी सहायता मिलती है।
2. विद्या-दायिनी सरस्वती मंत्र:
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
मंत्र का अर्थ:
हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूं। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूं, मुझे इस कार्य में हमेशा ही सिद्धि मिले।
मंत्र का लाभ:
इस मंत्र का जाप पढ़ाई शुरू करने से पहले करने पर विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
3. सरस्वती वंदना मंत्र-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता,
सा मां पातु सरस्वति भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
मंत्र का अर्थ:
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वहीं संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें ।
मंत्र का लाभ:
दिन की शुरुआत में रोजाना इस वंदना को पढ़ने से विद्या, बुद्धि और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है।