मंगल वृश्चिक राशि में अस्त: मंगल ग्रह को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष स्थान दिया गया है जो मनुष्य जीवन के साथ-साथ संसार को गहराई से प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।
बता दें कि ज्योतिष में मंगल देव को उग्र ग्रह माना गया है और इन्हें नवग्रहों में सेनापति का दर्जा प्राप्त है। इनकी चाल में होने वाला छोटे से छोटा बदलाव जैसे राशि परिवर्तन, मार्गी, वक्री, उदय और अस्त आदि का प्रभाव प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से विश्व पर भी नज़र आता है। इसी क्रम में, अब युद्ध के देवता के नाम से विख्यात मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
Om Asttro के इस विशेष लेख में हम आपको “मंगल वृश्चिक राशि में अस्त” के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे। साथ ही, मंगल ग्रह की अस्त अवस्था संसार और राशियों को किस तरह प्रभावित करेगी? किन उपायों की सहायता से आप मंगल अस्त के नकारात्मक प्रभावों से बच सकेंगे? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किए हम शुरुआत करते हैं इस लेख की।
हमारे इस विशेष लेख में आपको न सिर्फ़ “मंगल वृश्चिक राशि में अस्त” की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि मंगल महाराज की अस्त अवस्था किन राशियों के शुभ और किनके लिए अशुभ परिणाम लेकर आएगी? इस दौरान किन राशियों को रहना होगा सावधान और किन पर बरसेगी मंगल ग्रह की कृपा? इसके बारे में भी आगे चर्चा करेंगे।
जिन जातकों की कुंडली में मंगल महाराज कमज़ोर अवस्था में हैं, उन्हें इनकी पीड़ित अवस्था किस तरह के परिणाम देगी, इसका जवाब भी हम आपको प्रदान करेंगे। अब जान लेते हैं मंगल अस्त के समय और तिथि के बारे में।
मंगल वृश्चिक राशि में अस्त: तिथि व समय
मंगल देव को उग्र स्वभाव का ग्रह माना जाता है और यह हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार, मंगल ग्रह एक राशि में लगभग 45 दिन रहते हैं और अब यह 07 नवंबर 2025 की रात 01 बजकर 46 मिनट पर वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं। हालांकि, मंगल ग्रह अपनी राशि वृश्चिक में अस्त होंगे, लेकिन फिर भी इनका अस्त होना शुभ नहीं कहा जा सकता है।
ऐसे में, मंगल देव की अस्त अवस्था निश्चित रूप से संसार सहित राशि चक्र की सभी राशियों के जातकों के जीवन में बड़े परिवर्तन लेकर आने का काम कर सकती है। चलिए आगे बढ़ने से पहले आपको अवगत करवाते हैं कि ग्रह की अस्त अवस्था के बारे में।
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किसे कहते हैं ग्रह का अस्त होना?
जैसे कि हम आपको अपंने पिछले लेखों में बताते आये हैं कि नवग्रहों में सूर्य देव को छोड़कर हर ग्रह समय-समय पर अपनी चाल में बदलाव करते हुए उदय, अस्त, वक्री और मार्गी होता है। इन्हीं में से एक होता है ग्रह का अस्त होना। सरल शब्दों में कहें तो, ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह अपने मार्ग पर परिक्रमा करते हुए सूर्य के इतने नज़दीक आ जाता है कि वह सूर्य की तपन और तेज़ से प्रभावहीन हो जाता है, यानी कि वह अपनी सारी शक्तियों को खो देता है और कमज़ोर हो जाता है, इसको ही ग्रह का अस्त होना कहा जाता है। शायद ही, आप आप जानते होंगे कि नवग्रहों में सूर्य एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो कभी भी अस्त, उदित, वक्री और मार्गी नहीं होते हैं। आइए नज़र डालते हैं मंगल ग्रह के महत्व पर।
मंगल ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
- ज्योतिष में मंगल देव को महत्वाकांक्षा का ग्रह माना जाता है और इनकी गिनती शक्तिशाली ग्रहों में होती है।
- मंगल महाराज साहस, पराक्रम और ऊर्जा के कारक हैं। यह उग्र ग्रह हैं जो सिद्धांतों और प्रशासन से संबंधित कामों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- किसी व्यक्ति के जीवन में मंगल देव राजसी शान-ओ-शौक़त को दर्शाते हैं। साथ ही, इनकी कृपा के बिना कोई भी जातक अपने करियर में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है और न ही वह एक मजबूत व्यक्ति बनने में सक्षम होता है।
- कुंडली में मंगल मजबूत स्थिति में होने पर जातक को जीवन में सभी तरह के सुख प्रदान करता है, विशेष रूप से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और तेज बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल महाराज शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें अपने करियर में मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होता है।
- जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव अशुभ ग्रहों जैसे राहु या केतु के साथ मौजूद होते हैं, तो वह जातकों के जीवन को मुश्किलों से भर देते हैं।
- साथ ही, जातको को तनाव, डिप्रेशन, मान-सम्मान में कमी और आर्थिक संकट जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
अब हम आपको रूबरू करवाते हैं मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से।
कुंडली में अशुभ मंगल के संकेत
- कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर जातक को भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है।
- जिन जातकों का मंगल कमज़ोर होता है, उन्हें ब्लड प्रेशर, नेत्र रोग, पथरी और फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं घेर सकती हैं।
- मंगल महाराज की दुर्बलता आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है जिसके चलते व्यक्ति पर ज्यादातर समय थकान हावी रहती है और किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है।
- कुंडली में मंगल देव की अशुभता विवाह में देरी का कारण बनती है और ऐसे में, रिश्ते की बात बनते-बनते बिगड़ जाती है या फिर शादी-विवाह तय होने में अनेक समस्याएं आती हैं।
मंगल वृश्चिक राशि में अस्त के दौरान करें ये उपाय
- मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाएं और संकटमोचन हनुमान को सिंदूर का चोला अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन से कष्टों का अंत होता है।
- कुंडली में मंगल देव को मज़बूत करने के लिए हर मंगलवार को व्रत करें।
- मंगल ग्रह को कुंडली में बलवान करने के लिए मूंगा रत्न धारण करें, लेकिन ऐसा करने से पहले आप किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य करें।
- मंगल ग्रह से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए हर मंगलवार को हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ करें क्योंकि इससे आपको हनुमान जी का भी आशीर्वाद मिलता है।
- मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर बजरंगबली जी की पूजा करें और इसके बाद उन्हें सिंदूर चढ़ाएं।
मंगल वृश्चिक राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आठवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपके कामों में रुकावटें, अचानक देरी, निराशा और बेवजह की यात्राएं हो सकती हैं। ऐसे में, आपको पहले से योजना बनानी पड़ेगी ताकि इन परेशानियों से निपट सकें।
करियर के क्षेत्र में आपके लिए नौकरी बदलना फायदेमंद साबित होगा, खासकर अगर आप बेहतर मौके ढूंढ रहे हैं। लेकिन ऑफिस में वरिष्ठों से बात करते समय संभलकर रहने की आवश्यकता है।
व्यापार में यदि आप पैतृक संपत्ति या शेयर मार्केट जैसे काम करते हैं तो फायदा हो सकता है, लेकिन अगर आप सामान्य व्यापार कर रहे हैं तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में धन संभालते वक्त सतर्क रहना जरूरी है क्योंकि भारी नुकसान होने की संभावना है। आपको इन नुकसान से बचने के लिए पहले से बजट बनाने की आवश्यकता होगी।
रिश्तों की बात करें तो, जीवनसाथी से बातचीत करते वक्त थोड़ा गुस्से में आ सकते हैं या गलतफहमी हो सकती है, इसलिए अपनी बातचीत के तरीके में सुधार लाने की आवश्यकतो होगी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपको पीठ दर्द जैसी समस्या हो सकती है और इसका कारण तनाव और ज्यादा चिंता करना हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ऊँ नमो नारायण” का जाप करें।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके सातवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको यात्राओं में रुकावटें आ सकती हैं और दोस्तों से रिश्तों में भी थोड़ी खटपट हो सकती है।
करियर के क्षेत्र में कार्यस्थल में सहकर्मियों के साथ तालमेल बैठाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है और कुछ लोग आपकी तरक्की से जलन भी कर सकते हैं।
व्यापार की बात करें तो आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और इससे आपका मुनाफा कम हो सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में आपकी कमाई ठीक ठाक होगी, लेकिन फिर भी खर्च इतने होंगे कि जो पैसा कमा रहे हैं वो आपको पर्याप्त न लगे।
व्यक्तिगत जीवन में जीवनसाथी के साथ अहंकार के कारण आपसे समझ में कमी हो सकती है, जिसके चलते रिश्ते में खटास आ सकती है।
सेहत में, इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी की सेहत पर खर्च करना पड़ सकता है, खासकर खून की कमी जैसी समस्याएं होने की संभावना है।
उपाय: शुक्रवार को भगवान लक्ष्मी नारायण के लिए यज्ञ-हवन करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके छठे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको अपनी सेहत का खास ध्यान रखना होगा, क्योंकि चिंता और बेवजह की परेशानियां बढ़ सकती हैं। साथ ही कर्ज लेने या कर्ज बढ़ने का भी योग बन रहा है।
करियर में, आप काम बदलने का सोच सकते हैं ताकि मन को संतोष मिले, लेकिन फिलहाल मनचाही सफलता मिलना थोड़ा मुश्किल रहेगा।
व्यापार के क्षेत्र में, आप अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह सकते हैं। इसके अलावा, पुराने तरीके अपनाने से मुनाफे में भी कमी आ सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, खर्चे बहुत ज्यादा होंगे और कमाई से ज्यादा खर्च होने के कारण पैसे की तंगी महसूस हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी को वो प्यार और समय शायद ठीक से नहीं दे पाएंगे, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
सेहत के लिहाज़ से इस समय वजन बढ़ना और शुगर से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं, इसलिए संभलकर रहना जरूरी है।
उपाय: गुरुवार को बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके पांचवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको अपने बच्चों से जुड़ी खुशियां मिलेंगी और इससे मन को संतोष और शांति महसूस होगी।
करियर के क्षेत्र में, आपको नए मौके मिलेंगे और नौकरी में बदलाव या तरक्की से अधिक संतुष्टि प्राप्त होगी।
व्यापार में, अगर आप शेयर बाजार या सट्टे जैसे काम करते हैं तो अच्छा धन अर्जित करने में सफल होंगे, जबकि आशंका है कि सामान्य व्यापार में उतना फायदा नहीं होगा।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी अच्छी रहेगी और साथ ही आप बचत भी कर पाएंगे। पैसा जमा करने की आपकी क्षमता बढ़ेगी।
व्यक्तिगत जीवन में, इस समय जीवनसाथी के साथ आपका प्यार और नजदीकी बढ़ेगी और आप दोनों के रिश्ते में मिठास बनी रहेगी।
स्वास्थ्य की बात करें तो, मन में संतोष और शांति होने के कारण आपकी तबीयत भी ठीक रहेगी और इस अवधि आपको कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेगी।
उपाय: सोमवार को गरीबों को भोजन दान करें।
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके चौथे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि आपको घर-परिवार में सुख शांति आसानी से न मिले और पारिवारिक तनाव का भी सामना करना पड़े।
करियर में ऑफिस में माहौल थोड़ा बिगड़ सकता है और सहकर्मियों के साथ आपका तालमेल बिगड़ने की संभावना है।
व्यापार की बात करें तो, मुनाफा तो अच्छा होगा, लेकिन ड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ सकता है और आशंका है कि मेहनत ज्यादा करनी पड़े।
आर्थिक जीवन के मामले में, आप अपनी संपत्ति बढ़ा पाएंगे और साथ ही शौक और ऐशोआराम पर भी खर्च कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ वक्त बिताकर आप खुश रहेंगे और अचानक घूमने-फिरने का प्लान भी कर सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से आपको अपनी माता जी की सेहत पर खर्च करना पड़ सकता है, क्योंकि अचानक उनकी सेहत बिगड़ सकती है।
उपाय: रविवार को बड़ों को भोजन दान करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके तीसरे भाव होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपकी तरक्की में रुकावटें आ सकती हैं और इसी कारण आप थोड़ा चिंतित रह सकते हैं। यात्राओं में भी परेशानी या अड़चनें आ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में आशंका है कि ऑफिस में वरिष्ठ और सहकर्मियों के साथ आपका तालमेल न खाए, जिससे काम में आगे बढ़ने का मौका हाथ से निकल सकता है।
व्यापार में, मुनाफा तो होगा, लेकिन कभी अच्छा फायदा मिलेगा और कभी औसत रहेगा। व्यापार में तरक्की थोड़ी धीमी और उलझनों भरी हो सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में, यात्रा करते वक्त आपका धन खर्च या नुकसान हो सकता है और इसका कारण आपकी खुद की लापरवाही हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो, आपको अपनी बोलचाल पर कंट्रोल रखना होगा, क्योंकि इस समय भावनाएं ज्यादा उफान पर हो सकती हैं और इससे रिश्तों में तनाव आ सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में, इस दौरान आपकी पीठ में तेज दर्द हो सकता है और यह समस्या आपकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण हो सकती है।
उपाय: बुधवार को बच्चों को स्कूल की नोटबुक दान करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त दूसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको बच्चों से जुड़ी खुशियां मिलेंगी और मन भी पहले से ज्यादा शांत और सुकून भरा रहेगा।
करियर के क्षेत्र में, आपको नई नौकरी या नए मौके मिल सकते हैं, जिससे आपका मन संतुष्ट रहेगा और काम में आनंद आएगा।
व्यापार के क्षेत्र में, यदि आप शेयर बाजार या सट्टा जैसे काम करते हैं तो अच्छा मुनाफा कमाने में सफल होंगे, जबकि सामान्य व्यापार में उतनी तेजी नहीं दिखेगी।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी बढ़ेगी और साथ ही आप अच्छा पैसा बचाने में सक्षम होंगे। इस अवधि में आप अच्छा खासा धन जोड़ने में सफल होंगे।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ आपका रिश्ता और प्यार इस समय गहराएगा और आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुशहाल पल बिताएंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इस दौरान आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा क्योंकि मन में संतोष और खुशी बनी रहेगी।
उपाय: शुक्रवार को शुक्र ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके पहले भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको अपनी सेहत का खास ध्यान रखना होगा, क्योंकि बेवजह की चिंता और तनाव बढ़ सकते हैं, जिनसे बचना जरूरी है।
करियर के क्षेत्र में, काम का दबाव ज्यादा रहेगा और आपको सफलता मिलने में दिक्कत आ सकती है। बीच-बीच में रुकावटें भी आ सकती हैं।
व्यापार के क्षेत्र में बिजनेस पार्टनर के साथ आपके फॉर्मूलों और तरीकों को लेकर मतभेद हो सकते हैं, जिससे थोड़ा तनाव बढ़ सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में, खर्चे बढ़ेंगे और फालतू खर्चों से बचने के लिए पहले से योजना बनाकर चलने की आवश्यकता होगी।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ तनाव हो सकता है, इसलिए आपको समायोजित करने की आवश्यकता होगी ताकि रिश्ता अच्छा बना रहे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस समय पीठ दर्द की समस्या ज्यादा परेशान कर सकती है, जिसके लिए इलाज कराना जरूरी होगा।
उपाय: मंगलवार को उपवास रखें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके बारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने प्रयासों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपके बच्चे आपसे किसी बात को लेकर नाराज हो सकते हैं। हालांकि कि इस अवधि आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक हो सकता है।
करियर के मोर्चे पर, इस गोचर के दौरान आपके ऊपर नौकरी का अधिक दबाव हो सकता है, जिसके चलते आप तनाव में आ सकते हैं। इस अवधि आपको अपने काम की योजना बनाकर चलने की आवश्यकता होगी।
व्यावसायिक मोर्चे पर, इस समय आपको औसत लाभ और कभी-कभी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि आप आउटसोर्सिंग का व्यवसाय करते हैं तो आपको व्यवसाय में सफलता मिल सकती है।
आर्थिक जीवन के मोर्चे पर, इस समय आमदनी में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है, जिससे मन थोड़ा उदास हो सकता है। आशंका है कि ज्यादा पैसा कमाने का जो सपना है, वो अभी पूरा होना थोड़ा मुश्किल लगेगा।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ रिश्ते में मिठास और तालमेल बनाए रखने के लिए आपको थोड़ा समझौता और सहयोग करना पड़ेगा। यही आपके रिश्ते के लिए जरूरी है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, इस समय पैरों और घुटनों में दर्द की समस्या हो सकती है, इसलिए ध्यान रखना जरूरी होगा।
उपाय: गुरुवार को वृद्ध ब्राह्मण को भोजन दान करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके ग्यारहवें भाव में होगा।
इसके असर से आपको प्रॉपर्टी के जरिए सुख-सुविधाएं मिलेंगी और संपत्ति से फायदा मिलेगा। आपकी कई इच्छाएं भी इस समय पूरी हो सकती हैं।
करियर में, नई नौकरी मिलने के अच्छे मौके हैं, जिससे खुशी मिलेगी और प्रमोशन का रास्ता भी खुल सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में मुनाफा बढ़ेगा और आप अपने मुकाबले वालों से अच्छी टक्कर ले पाएंगे।
आर्थिक जीवन मामले में, यह समय कमाई, बचत और पैसे जमा करने के लिए अच्छा है। आप भविष्य में और ज्यादा कमाने के लिए मेहनत कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ आपसी समझ अच्छी रहेगी और आपका रिश्ता मजबूत होगा।
स्वास्थ्य की बात करें तो, इस समय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहेगी और इससे आपकी सेहत भी ठीक बनी रहेगी।
उपाय: शनिवार के दिन शनि ग्रह की पूजा करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके दसवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपके कामों में थोड़ी सुस्ती आ सकती है और जो कोशिश आप कर रहे हैं, उनमें रुकावटें आ सकती हैं। किसी से बातचीत करते समय भी झगड़े या गलतफहमियां हो सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में, आशंका है कि आपको भाग्य का अधिक साथ न मिले। मेहनत तो करेंगे, लेकिन मनचाही संतुष्टि शायद नहीं मिलेगी।
व्यापार के क्षेत्र में फायदा भी होगा, लेकिन सामान्य रहेगा। कभी-कभी न नुकसान, न फायदा वाली स्थिति भी रह सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में, कमाई तो होगी, लेकिन खर्चे भी ज्यादा रहेंगे, जिससे बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ अहंकार की वजह से रिश्ते में खटास आ सकती है, जिससे सुख शांति की कमी हो सकती है।
आपके स्वास्थ्य की बात करें तो, तनाव के कारण पीठ में दर्द हो सकता है, जिसके लिए योग करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
उपाय: गुरुवार को दिव्यांग व्यक्तियों को भोजन दान करें।
मीन राशि
मंगल ग्रह आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। मंगल वृश्चिक राशि में अस्त आपके नौवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि आपके किए गए कामों में आपको भाग्य का साथ न मिले। बुजुर्गों या बड़ों के साथ थोड़े मतभेद भी हो सकते हैं।
करियर में, इस समय काम में मनचाही संतुष्टि नहीं मिलेगी और इसी वजह से आप नई नौकरी या बेहतर मौके ढूंढने का विचार बना सकते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में, बड़ा मुनाफा मिलने में देरी हो सकती है और जितनी उम्मीद है, उतनी कमाई शायद नहीं होगी। साथ ही मुकाबला करने वालों से टक्कर ज्यादा रहेगी।
आर्थिक जीवन के मामले में, धन अर्जित करने में भाग्य का साथ मिलेगा, लेकिन फिर भी पैसा जोड़ने में थोड़ी कमी महसूस होगी।
व्यक्तिगत जीवन में, परिवार में कुछ समस्याएं रह सकती हैं, जिसकी वजह से जीवनसाथी के साथ रिश्ते में भी थोड़ी खटास आ सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से आपको अपने पिताजी की सेहत पर खर्च करना पड़ सकता है और इससे मन में चिंता रह सकती है।
उपाय: गुरुवार को ब्राह्मण को भोजन दान करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। Om Asttro के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. वृश्चिक राशि में मंगल का अस्त होना क्या होता है?
वृश्चिक राशि में सूर्य के पास मंगल अपनी शक्ति खो देता है।
2. मंगल का अस्त होना मेष राशि के जातकों को कैसे प्रभावित करेगा?
उन्हें बाधाओं, नुकसान और संचार संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
3. मंगल के अस्त होने के दौरान कौन से उपाय मदद करते हैं?
मंत्रों का जाप करें, यज्ञ करें और नियमित रूप से दान करें।

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