Type Here to Get Search Results !

Shop Om Asttro

1 / 3
2 / 3

ad

SHREE SHIV AARATI श्री शिव आरती

卐 श्री शिव आरती 卐

SHREE SHIV AARATI 


ॐ जय शिव ओंकारा ,

प्रभु हर ॐ शिव ओंकारा |

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव,

अर्द्धांगी धारा ॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

एकानन चतुरानन

पंचांनन राजै |

हंसासंन , गरुड़ासन ,

वृषवाहन साजै॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

दो भुज चार चतुर्भज

दस भुज अति सोहें |

तीनों रुप निरखता

त्रिभुवन जन मोहें॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

अक्षमाला , वनमाला ,

मुण्डमालाधारी |

चंदन , मृगमद सोहें,

भाले शशिधारी ॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

श्वेताम्बर, पीताम्बर,

बाघाम्बर अंगें।

सनकादिक, ब्रह्मादिक ,

भूतादिक संगें॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

कर मध्ये कमण्डलु ,

चक्र त्रिशूलधर्ता |

जगकर्ता, जगहर्ता,

जगपालनकर्ता ॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

ब्रम्हा विष्णु सदाशिव

जानत अविवेका |

प्रवणाक्षर के मध्यें

ये तीनों एका ॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

त्रिगुण शिव की आरती

जो कोई नर गावें |

कहत शिवानंद स्वामी

मनवांछित फल पावें ॥

|| ॐ जय शिव ओंकारा......||

॥ इति श्री शिव आरती॥ 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.