
ध्यान मन्त्र 4
सकुङ्कुमविलेपनामलिकचुम्बिकस्तूरिकांसमन्दहसितेक्षणां सशरचापपाशाङ्कुशाम् ।अशेषजनमोहिनीमरुणमाल्यभूषाम्बरांजपाकुसुमभासुरां जपविधौ स्मरेदम्बिकाम् ॥
सकुङ्कुमविलेपनाम्
- अर्थ: जिनका शरीर कुंकुम से अभिषिक्त है।
- व्याख्या: देवी के मस्तक पर कुंकुम का तिलक है, जो उनकी शुभ प्रकृति और उनके कामेश्वर के प्रति उनके प्रेम को प्रकट करता है।
मलिकचुम्बिकस्तूरिकाम्
- अर्थ: जो कस्तूरी की सुगंध से सुशोभित हैं।
- व्याख्या: देवी ललिता का श्रीअंग कस्तूरी से सुगंधित है यह उनके आकर्षक स्वभाव का प्रतीक है ।
समन्दहसितेक्षणाम्:
- अर्थ: जिनकी आँखें मधुर मुस्कान से युक्त हैं।
- व्याख्या: देवी की आँखें एक मधुर मुस्कान से भरी हुई हैं, जो उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा और ममता को दर्शाती है।
सशरचापपाशाङ्कुशाम्:
- अर्थ: जिनके हाथों में धनुष, बाण, पाश और अंकुश हैं।
- व्याख्या: देवी के हाथों में ये चार अस्त्र हैं, जो उनकी बाधाओं का शमन करने की क्षमता, और उनके भक्तों का मार्गदर्शन तथा सुरक्षा प्रदान करने कि प्रकृति को दर्शाता है।
अशेषजनमोहिनीमरुणमाल्यभूषाम्बराम्:
- अर्थ: जो सभी प्राणियों को मोहित करने वाली हैं, लाल मालाओं और वस्त्रों से अलंकृत हैं।
- व्याख्या: देवी सभी प्राणियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं और लाल मालाओं और वस्त्रों से सुसज्जित रहती हैं, जो उनकी शक्ति और सुंदरता का प्रतीक हैं।

जपाकुसुमभासुराम्:
- अर्थ: जिनका रंग जपाकुसुम (हिबिस्कस) के फूल के समान है।
- व्याख्या: उनकी कांति चमकदार लाल जपाकुसुम के फूल के समान है, जो प्रेम, भक्ति और उत्साह का प्रतीक है।
जपविधौ स्मरेदम्बिकाम्:
- अर्थ: जप के समय देवी अंबिका का ध्यान करें।
- व्याख्या: जप करते समय हमें देवी अंबिका का ध्यान करना चाहिए, जिससे उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद की अनुभूति हो।
ध्यान की प्रक्रिया:
- कुंकुम से अभिषिक्त: देवी को कुंकुम से अभिषिक्त देखें, जो उनकी शुभ प्रकृति का प्रतीक है और कामेश्वर के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
- कस्तूरी की सुगंध से सुशोभित: अनुभव करें की माँ के श्री अंग से कस्तूरी की सुगंध आ रही है जिससे आपका सारा वातावरण सुगन्घित हो गया हैं।
- मधुर मुस्कान युक्त नेत्रों: माँ के मंद हास्य से युक्त मुख और नेत्रों का चिंतन करें ।
- धनुष, बाण, पाश, और अंकुश धारण करना: माँ के कोमल कर कमलों में सुशोभित चार अस्त्रों का चिंतन करें और उन शस्त्रों द्वारा आप सुरक्षित हैं ऐसी भावना करें।
- लाल मालाओं और वस्त्रों से अलंकृत: माँ के श्री अंग रक्तवर्ण वस्त्र और लाल पुष्पमाला से सज्जित हैं उनका रक्तवर्ण आभा उनकी करुणा को और शक्ति को प्रकट कर रही है ऐसे भावना करें ।
- जपाकुसुम के समान कांति: देवी की कांति को जपाकुसुम के चमकदार लाल फूल के समान देखें, जो प्रेम, भक्ति, और उत्साह का प्रतीक है।
जप प्रारंभ करने से पहले उनकी दिव्य रूप का ध्यान करें।जप प्रारंभ करने से पहले उनके दिव्य रूप का इस प्रकार से ध्यान करें।पश्चात जप आरम्भ करें ।