मंगल का तुला राशि में गोचर: Om Asttro हमेशा से अपने पिछले लेखों में आपको बताता आया है कि ग्रहों की चाल, दशा और स्थिति में होने वाला हर परिवर्तन मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है। इसी क्रम में, वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को उग्र ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं।
शायद ही आप जानते होंगे कि मंगल ग्रह को अनेक नामों जैसे ‘भौम पुत्र”, ‘लोहिता” और “कुजा” आदि नामआह से जाना जाता है। बता दें कि लोहिता का अर्थ लाल रंग होता है। मंगल देव मनोकामना, पराक्रम और जुनून के प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे में, मंगल ग्रह का गोचर महत्वपूर्ण हो जाता है जो अब जल्द ही अपनी राशि परिवर्तन करते हुए तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
Om Asttro का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा।
ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर का असर करियर, व्यापार समेत देश-दुनिया पर नज़र आ सकता है। तुला राशि में मंगल ग्रह का यह गोचर राशि चक्र की कुछ राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा जबकि कुछ राशियों को नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
मंगल गोचर की अवधि में किन राशियों को रहना होगा सावधान और किन राशियों को करियर, प्रेम जीवन से लेकर स्वास्थ्य में मिलेंगे बेहतर परिणाम? आपके मन में उठने वाले इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से प्राप्त होंगे।
इसके अलावा, कुंडली में मंगल की स्थिति को मज़बूत करने के लिए किन उपायों को आप अपना सकते हैं, इस बारे में भी हम आपको बताएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं मंगल गोचर का समय।
मंगल का तुला राशि में गोचर कब होगा
लाल ग्रह और पराक्रम के ग्रह के नाम से विख्यात मंगल महाराज 13 सितंबर 2025 की रात 08 बजकर 18 मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन हर 45 दिन के बाद होता है यानी कि डेढ़ महीने बाद यह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं।
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं और अब अगले डेढ़ महीने मंगल ग्रह इनकी राशि में विराजमान रहेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, इस राशि में मंगल ग्रह कई बड़े ग्रहों जैसे सूर्य, बुध के साथ युति करेंगे। मंगल और शुक्र ग्रह न तो एक-दूसरे के मित्र हैं और न ही शत्रु, बल्कि यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के साथ तटस्थ संबंध रखते हैं।
ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर राशियों को मिलेजुले परिणाम दे सकता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं मंगल का तुला राशि में प्रभाव कैसा रहेगा।
मंगल का तुला राशि में गोचर: ज्योतिष में मंगल का महत्व
मंगल देव को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति का दर्जा प्राप्त है जो मनुष्य जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों को नियंत्रित करते हैं। मंगल महाराज ऊर्जा, भूमि, साहस, रक्त, पराक्रम, सेना, भाई और युद्ध के कारक माने जाते हैं। राशि चक्र में मंगल दो राशियों के अधिपति देव हैं और ये दो राशियां मेष और वृश्चिक हैं। इस प्रकार, इन्हें राशियों में पहला और आठवां स्थान प्राप्त है।
बता दें कि मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और कर्क राशि इनकी नीच राशि है। वहीं, 27 नक्षत्रों में मंगल देव चित्रा, धनिष्ठा और मृगशिरा नक्षत्र को नियंत्रित करते हैं। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल की स्थिति मज़बूत होती है, वह निडर स्वभाव के, पराक्रमी और साहसी होते हैं।
इसके विपरीत, जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव कमज़ोर अवस्था में होते हैं, उन्हें जीवन में कई तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं अब मंगल ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
मंगल का तुला राशि में गोचर: मंगल ग्रह से जुड़े तथ्य
- ज्योतिष शास्त्र में मंगल महाराज को सातवीं, चौथी और आठवीं दृष्टि प्राप्त हैं।
- अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो उसको विवाह के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में भी तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मौजूद होते हैं, तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करती है।
- जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह लग्न में विराजमान होते हैं, वह तेज़, ऊर्जावान और सुंदर होते हैं। ऐसे व्यक्ति साहसी, निडर, पराक्रमी और जोख़िम उठाने वाले होते हैं। साथ ही, इन लोगों का गुस्से बहुत तेज़ होता है और यह आसानी से किसी के दबाव में नहीं आते हैं इसलिए यह लोग सेना और पुलिस में सफलता हासिल करते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल देव बलवान होते हैं, तो उसके भीतर ऊर्जा और निडरता कूट-कूट कर भरी होती है। ऐसा इंसान अपने भाई-बहनों की सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
- मेष राशि में मंगल देव की स्थिति बेहद ताकतवर होती है जो इनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। कुंडली में इन्हें तीसरे, छठे और एकादश भाव में मज़बूत माना जाता है।
- मंगल ग्रह के गुरु, बुध और चंद्रमा के साथ बैठे होने पर जातक को शुभ फल प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, सूर्य, राहु और शनि के साथ स्थित होने पर मंगल व्यक्ति को अशुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
- अगर कुंडली में मंगल ग्रह दसवें भाव में सूर्य और राहु के साथ युति करते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में कोई पद दिलाने का काम करते हैं। बता दें कि मंगल देव दसवें भाव में बहुत शक्तिशाली होते हैं।
मंगल का तुला राशि में गोचर: मंगल दोष का निर्माण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है, उस समय कुंडली में सभी नौ ग्रह अलग-अलग भावों में विराजमान होते हैं। ऐसे में, कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है।
कुंडली में बनने वाला ऐसा योग होता है मांगलिक दोष जिसके लिए मंगल ग्रह जिम्मेदार होते हैं। इसे मंगल दोष या मांगलिक दोष के नाम से जाना जाता है। जातक को मंगल दोष की वजह से विवाह से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चलिए आपको रूबरू करवाते हैं कुंडली में कब और कैसे बनता है मांगलिक दोष।
कैसे बनता है मांगलिक दोष?
मंगल ग्रह यदि किसी जातक की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मौजूद होते हैं, तो इस स्थिति को मांगलिक दोष कहा जाता है। कुंडली में मंगल दोष होने पर जातक को विवाह और वैवाहिक जीवन में समस्याओं से जूझना पड़ता है। बता दें कि ज्योतिष में मंगल दोष को अशुभ माना जाता है।
यदि लड़का या लड़की की कुंडली में मंगल दोष निर्मित होता है, तो यह विवाह में देरी, जीवनसाथी के साथ तनाव और विवाद का कारण बनता है। यही कारण है कि विवाह के समय कुंडली मिलान के दौरान मांगलिक दोष को अवश्य देखा जाता है, ताकि इनका निवारण किया जा सके और वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहे। बता दें कि मंगल दोष दो प्रकार के होते हैं जो कि इस प्रकार हैं:
चंद्र मांगलिक दोष
व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्र मांगलिक दोष उस समय बनता है जब मंगल चंद्रमा से पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में बैठा होता है। चंद्र मांगलिक दोष जातक के वैवाहिक जीवन में साथी के बीच समस्याओं की वजह बनता है और मतभेदों को जन्म देता है।
आंशिक मांगलिक दोष
आंशिक मांगलिक दोष, जैसे कि इसके नाम से ही हम समझ सकते हैं कि कुंडली में बनने वाले इस मांगलिक दोष का प्रभाव हल्का होता है। बता दें कि जब मंगल देव कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में उपस्थित होते हैं, तो आंशिक मांगलिक दोष का निर्माण होता है।
इस दोष के अंतर्गत जातकों को मांगलिक दोष ज्यादा परेशान नहीं करता है क्योंकि यह आंशिक होता है। लेकिन फिर भी, व्यक्ति कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर आंशिक मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकता है। साथ ही, यह दोष 28 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है।
मंगल का तुला राशि में गोचर: इन उपायों से करें मंगल दोष को शांत
- मांगलिक दोष को दूर करने में वट सावित्री और मंगला गौरी व्रत फलदायी माना जाता है। यदि किसी कन्या का विवाह अनजाने में ऐसे इंसान से हो जाता है जो मांगलिक नहीं है, तो वह इन दोनों व्रतों को करके मंगल दोष से राहत प्राप्त कर सकती है।
- अगर किसी कन्या की कुंडली में मंगल दोष मौजूद होता है, तो वह विवाह से पूर्व पीपल या घट के वृक्ष से विवाह करके वह मंगल दोष रहित वर से शादी कर सकती है, तब मांगलिक दोष नहीं लगता है।
- यदि कन्या प्राण प्रतिष्ठित किए हुए विष्णु जी की प्रतिमा से विवाह करने के पश्चात किसी से विवाह करती है, तब भी इस दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- मान्यताओं के अनुसार, मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखना और हनुमान जी की सिंदूर से पूजा करना शुभ होता है। साथ ही, सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मांगलिक दोष से राहत मिलती है।
- भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने से भी मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है।
- ऐसा कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप सभी बाधाओं का नाश करने वाला मंत्र है। ऐसे में, वैवाहिक जीवन से मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभाव के अंत के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप लाभदायक सिद्ध रहता है।
मंगल का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए इस समय मंगल ग्रह आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आपके मन में बेचैनी बढ़ सकती है और दोस्तों के साथ विवाद हो सकते हैं। इस दौरान आपको कई कामों में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
करियर की बात करें तो नौकरीपेशा लोगों को काम का दबाव महसूस हो सकता है और बेहतर अवसरों की तलाश में नौकरी बदलने का विचार आ सकता है।
व्यापार करने वालों को अपने पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं और मुनाफा-नुकसान दोनों की संभावना बनी रहेगी।
आर्थिक रूप से देखें तो आय और खर्च दोनों रहेंगे, लेकिन यात्रा पर खर्च अधिक हो सकता है जिससे धन हानि भी हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी की भावनाओं को सही तरीके से नहीं समझ पाएंगे, जिससे रिश्तों में दूरी आ सकती है।
स्वास्थ्य के मामले में जीवनसाथी की सेहत पर खर्च बढ़ सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
उपाय- प्रतिदिन 27 बार “ॐ भौमाय नमः” का जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके छठे भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आपके प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन आपके अंदर ऊर्जा भरपूर बनी रहेगी।
करियर के क्षेत्र में अगर आप नौकरी में हैं तो काम का दबाव बढ़ सकता है और आपको अपने कार्यों की सही योजना बनानी होगी।
व्यापार में आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से अधिक मुकाबला करना पड़ सकता है क्योंकि वे नए बिजनेस आइडिया लेकर आ सकते हैं।
आर्थिक दृष्टि से इस समय आपके खर्चे बढ़ सकते हैं और बचत सामान्य रह सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में जीवनसाथी के साथ बहस हो सकती है, इसलिए रिश्ते को संभालने के लिए आपको थोड़ा समायोजन करना जरूरी होगा।
स्वास्थ्य की बात करें तो असंतुलित आहार के कारण पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार करना चाहिए।
उपाय- मंगलवार को देवी दुर्गा की पूजा करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए इस समय मंगल ग्रह आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप अपने बच्चों की प्रगति और उनके विकास को लेकर चिंता कर सकते हैं, लेकिन आध्यात्मिक मार्ग से आपको लाभ भी मिल सकता है।
करियर की बात करें तो नौकरीपेशा लोगों को सहकर्मियों और सीनियर्स से परेशानी झेलनी पड़ सकती है, जिससे नौकरी में संतोष की कमी महसूस हो सकती है।
व्यापार में अगर आप सट्टे या जोखिम भरे काम से जुड़े हैं तो अच्छा लाभ कमा सकते हैं, लेकिन आशंका है कि सामान्य व्यापार में अपेक्षित मुनाफा नहीं मिलेगा।
आर्थिक रूप से इस समय आप मध्यम स्तर की आमदनी कर पाएंगे और बचत भी सीमित रहेगी।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ प्रेमपूर्ण पल बिता सकते हैं, लेकिन पारिवारिक समस्याओं के कारण अहंकार टकराव हो सकता है, जिससे आपको समझदारी से पेश आना होगा।
स्वास्थ्य की बात करें तो बच्चों की सेहत पर खर्च बढ़ सकता है, जिससे आपको चिंता हो सकती है।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं रहेंगे और कभी-कभी खुद को पीछे छूटा हुआ महसूस कर सकते हैं।
करियर की बात करें तो अगर आप नौकरी में हैं तो इस समय आप अपने काम में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और अच्छी पहचान भी बना सकते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में भी आप अपनी मेहनत से उचित लाभ कमा सकते हैं और प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे।
आर्थिक रूप से आप अपने परिवार की सुख-सुविधाओं पर खर्च कर सकते हैं जिससे आपको खुशी मिलेगी। आपकी बचत में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ खास पल बिता पाएंगे और आपके रिश्ते में भी मिठास बढ़ेगी।
स्वास्थ्य के मामले में आप इस मंगल गोचर के दौरान खुद को फिट और स्वस्थ रख पाएंगे, जिससे आप अच्छा स्वास्थ्य और ऊर्जा का आनंद ले सकेंगे।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ सोमाय नमः” का जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और मंगल का तुला राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप लंबी यात्रा की योजना बना सकते हैं या अपने घर को बदलने का विचार कर सकते हैं। इससे आपके आराम और सुख-सुविधाएं बढ़ सकती हैं।
करियर की बात करें तो अगर आप नौकरी में हैं तो इस दौरान आप नौकरी या कार्यस्थल बदलने का निर्णय ले सकते हैं, और यह बदलाव आपके लिए संतोषजनक साबित हो सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में भी आप अपने पेशेवर रवैये से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकते हैं।
आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा और आप अधिक धन कमाने में सफल रहेंगे। साथ ही, आप अच्छी बचत भी कर पाएंगे।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ प्यार बढ़ा पाएंगे और आपसी समझ भी बेहतर होगी, जो आपकी अच्छी संवाद शैली के कारण संभव होगा।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आप ऊर्जा और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे, जिससे आपको खुशी महसूस होगी।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ भास्कराय नमः” का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आपको भाग्य में कमी, धन लाभ में कमी और प्रगति में कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
करियर की बात करें तो अगर आप नौकरी में हैं तो आप अपनी नौकरी बदलने का विचार कर सकते हैं ताकि आपको बेहतर प्रगति और संतोष मिल सके।
व्यापार के क्षेत्र में आप अच्छे प्रयासों से सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपनी उम्मीद के अनुसार लाभ कमा सकते हैं। व्यापार के सिलसिले में यात्रा भी संभव है।
आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए अच्छा रह सकता है। आप अधिक पैसा कमा सकते हैं और आपकी बचत में भी वृद्धि हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा तालमेल बनाए रखेंगे और अच्छे संस्कारों और मूल्यों का पालन करेंगे।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आप ऊर्जा और उत्साह से भरपूर रहेंगे और अपने स्वास्थ्य को अच्छे स्तर पर बनाए रख पाएंगे।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ बुधाय नमः” का जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप धन कमाने, परिवार के माहौल को सुखद बनाने और दोस्तों का विश्वास जीतने को लेकर चिंतित रह सकते हैं।
करियर की बात करें तो आप अपने काम में अच्छी प्रगति प्राप्त करेंगे, उच्च अधिकारियों से प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं और सफलता पाने वालों में आगे रह सकते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में आप अच्छी योजना बनाकर बेहतरीन लाभ प्राप्त कर पाएंगे और इस वजह से आप अच्छे मुनाफे की स्थिति में रहेंगे।
आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। आप अधिक धन कमा सकते हैं और आपकी बचत भी अच्छी हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ खुशी के पल बिताएंगे और आपसी संतोष बना रहेगा। इस समय आप काफी प्रसन्नचित्त रह सकते हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आप ऊर्जा और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ भार्गवाय नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं और ऋण, पैतृक संपत्ति या सट्टे से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
करियर की बात करें तो आप अपनी प्रगति के लिए नौकरी बदलने का विचार बना सकते हैं, लेकिन आशंका है कि इस दौरान आपको बहुत अच्छा प्रदर्शन न कर पाए।
व्यापार के क्षेत्र में भी आपको ज्यादा मुनाफा कमाना आसान नहीं रहेगा। आप केवल सामान्य स्तर पर ही लाभ कमा पाएंगे।
आर्थिक रूप से आपके खर्चे बहुत बढ़ सकते हैं, जिससे आपको चिंता हो सकती है। आपके धन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में संभावना है कि आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग न प्राप्त हो और परिवार में कुछ समस्याएं आ सकती हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको अपने जीवनसाथी के इलाज पर खर्च करना पड़ सकता है, जिससे आप मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ मंगलाय नमः” का जाप करें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप अपने बच्चों की प्रगति और विकास को लेकर चिंतित रह सकते हैं। वहीं आध्यात्मिक तरीकों से आपको लाभ मिलने के संकेत भी हैं।
करियर की बात करें तो नौकरी में काम करते समय सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे नौकरी में असंतोष महसूस हो सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में अगर आप सट्टे से जुड़े काम करते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सामान्य व्यापार में आपको उतना लाभ नहीं मिलेगा।
आर्थिक रूप से आप इस दौरान औसत मात्रा में कमाई करेंगे और आशंका है कि बचत करने में भी कुछ हद तक की सफल हो पाए।
व्यक्तिगत जीवन में आप अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम भरे पल बिताएंगे, लेकिन पारिवारिक मुद्दों के चलते आपको कुछ समझौते करने पड़ सकते हैं क्योंकि अहंकार के कारण रिश्तों में तनाव आ सकता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है, जिससे खर्चों का बोझ बढ़ सकता है और चिंता हो सकती है।
उपाय- गुरुवार को बृहस्पति ग्रह की पूजा करें।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आप अपने काम को लेकर ज्यादा जागरूक और प्रगति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इसके अलावा, आपके परिवार में शुभ अवसर भी आ सकते हैं।
करियर की बात करें तो नौकरी में आपको नए अवसर मिल सकते हैं, जो आपको संतोष और सफलता प्रदान करेंगे। साथ ही, इस दौरान आप यात्रा भी कर सकते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और अपने प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर देने में सफल हो सकते हैं।
आर्थिक रूप से, यह समय आपके लिए धन कमाने और संतुष्टि पाने का है। आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में, आप अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने में सफल होंगे और अपनी मधुर वाणी से उनका विश्वास जीतेंगे।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आप इस समय अच्छे स्वास्थ्य में रहेंगे, जो आपकी ऊर्जा और उत्साह के कारण संभव होगा।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ मन्दाय नमः” का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से आपको अपनी मेहनत में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं और आध्यात्मिक गतिविधियों के माध्यम से शांति और संतोष प्राप्त करेंगे।
करियर के क्षेत्र में, यदि आप नौकरीपेशा हैं, तो आप अपनी नौकरी में बहुत अच्छा काम करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आप अपने काम में अच्छी पहचान बनाने में सक्षम होंगे।
व्यापार के क्षेत्र में, अगर आपका खुद का व्यवसाय हैं, तो आपको व्यापार के सिलसिले से यात्राएं करेंगे और अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे।
आर्थिक दृष्टि से, यह समय आपके लिए अच्छा है, क्योंकि आप अच्छा धन कमाएंगे और बचत भी करना आपके लिए आसान होगा।
प्रेम जीवन में, आप इस अवधि अपनी जीवनसाथी का दिल जीतने में सफल होंगे, क्योंकि आप उनके काम में पूरा सहयोग करेंगे।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, आप इस समय अच्छे स्वास्थ्य में रहेंगे और यह आपके अंदर की दृढ़ता और संकल्प के कारण संभव होगा।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए, मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा।
इस गोचर के प्रभाव से, आपको अपनी मेहनत और प्रयासों में अधिक रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको पैसों से संबंधित समस्याएं और व्यक्तिगत जीवन में भी कुछ मुश्किलें आ सकती हैं।
करियर की बात की जाए तो, यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तो बेहतर अवसर और संतुष्टि प्राप्त करने के लिए नौकरी बदलने का विचार कर सकते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में, आशंका है कि आपको अचानक नुकसान का सामना करना पड़ें। साथ ही, आपको कम अवसर मिलने की भी संभावना है। हालांकि आपको पैतृक संपत्ति से लाभ मिलेगा।
आर्थिक दृष्टि से, इस समय आपके खर्चों में अचानक वृद्धि हो सकती है, जिससे आपको चिंता हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, आपकी जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकती है, ऐसे में आपको समझदारी से काम लेना होगा और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश करनी होगी।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, आपको पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसकी वजह से आप परेशान व दुखी रह सकते हैं।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ गुरवे नमः” का जाप करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। Om Asttro के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मंगल का तुला राशि में गोचर कब होगा?
मंगल महाराज 13 सितंबर 2024 की रात 08 बजकर 18 मिनट पर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे।
2. ज्योतिष में मंगल किसके कारक हैं?
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह साहस, शक्ति, पराक्रम, ऊर्जा, भूमि, रक्त, भाई, युद्ध, सेना और भाई का कारक होता है।
3. तुला राशि का स्वामी कौन है?
ज्योतिष में तुला राशि के स्वामी शुक्र को माना जाता है।