बुध करेंगे कन्या राशि में प्रवेश, भद्र राजयोग का प्रभाव इन राशियों को दिलाएगा धनलाभ!

Om Asttro
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Om Asttro  हमेशा यही कोशिश करता है कि हर नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष से जुड़ी ताजा और सबसे जरूरी जानकारी दी जाए, ताकि आप ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया की हर बड़ी घटना से जुड़े रहें। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे भद्र राजयोग योग की जो कन्या राशि में बुध के गोचर से बनने जा रहा है। इसके अलावा, यह योग किस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा यह भी इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। बता दें कि यह विशेष योग 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर बनने वाला है।

 

 

भद्र योग ज्योतिष में पंच महापुरुष योगों में से एक बहुत ही शुभ योग होता है, जो बुध ग्रह के गोचर से बनता है। जब यह योग कुंडली में मजबूत स्थिति में बनता है, तो व्यक्ति को यह बुद्धिमत्ता, प्रभावशाली वाणी, प्रसिद्धि और भौतिक समृद्धि प्रदान करता है। इस योग के प्रभाव से जातक तेज दिमाग वाला, समझदार, बातचीत में माहिर और सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित होता है। साथ ही जीवन में धन और सुख-सुविधाओं की कमी भी नहीं रहती।

भद्र राजयोग क्या है?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, भद्र योग तब बनता है, जब बुध ग्रह जन्म कुंडली के किसी केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव) में स्थित हो और वह या तो उच्च का (कन्या राशि में) हो या स्वराशि (मिथुन या कन्या) में हो। जब यह स्थिति बनती है, तो कुंडली में भद्र योग का निर्माण होता है, जो पंच महापुरुष योगों में से एक माना जाता है और बहुत शुभ योग होता है। इस योग वाले लोग आमतौर पर तेज दिमाग वाले, बोलने में निपुण और बुद्धिमान होते हैं। उन्हें व्यापार, शिक्षा या बौद्धिक कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त होती है। ऐसे लोग समाज में अक्सर पहचान, सम्मान और सफलता हासिल करते हैं।

 

कन्या राशि में भद्र योग: प्रभाव और फल

जिन लोगों की कुंडली में भद्र योग कन्या राशि में बना होता है, वे अपने तेज़ दिमाग, तार्किक सोच, और परिस्थितियों को समझने की गहरी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह योग विशेष रूप से बुद्धिमत्ता, स्पष्ट संवाद, और व्यावसायिक समझदारी से जुड़ा होता है। इस योग के प्रमुख प्रभाव इस प्रकार है:

  • बेहद तेज बुद्धि और प्रभावशाली वाणी की कला।
  • तीव्र स्मरण शक्ति और गहरी विश्लेषण क्षमता।
  • लेखन, अध्यापन, व्यवसाय, संचार और तकनीकी क्षेत्रों में सफलता।
  • अच्छा स्वास्थ्य, विशेषकर मजबूत अंग और संतुलित शरीर।
  • शांत लेकिन प्रभावशाली व्यक्तित्व, जो दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालता है।
  • जीवन में धन, सामाजिक सम्मान और उपलब्धियां प्राप्त होती हैं।

कन्या राशि में भद्र योग व्यक्ति को एक सक्षम विचारक, सफल व्यवसायी और समझदार नेता बना सकता है। ऐसे लोग अपने बोलचाल और व्यवहार से ही दूसरों को प्रभावित कर लेते हैं।



बुध का कन्या राशि में गोचर कब और किस समय होगा?

ग्रहों के राजकुमार के नाम से विख्यात बुध ग्रह तेज़ गति से चलते हैं इसलिए इनका गोचर जल्दी-जल्दी होता है। बता दें कि बुध का गोचर लगभग हर 23 से 27 दिनों में होता है यानी कि हर महीने बुध एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। बुध ग्रह का गोचर 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में होगा। इस अवधि के दौरान बुध का कन्या राशि में गोचर का असर विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरीके से पड़ेगा। 

बुध का यह गोचर अपनी राशि में होगा और हर राशि में गोचर का इनका अपना प्रभाव होता है। उदाहरण के तौर पर मेष राशि में बुध गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों का आशीर्वाद देता है, जबकि वृषभ राशि में बुध देव व्यापार में स्थिरता और समृद्धि प्रदान करते हैं। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का कन्या राशि में प्रभाव कैसा होता है। 

 

कन्या राशि में बनेगा बुधादित्य योग

बुध महाराज जब 15 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, तो उसके दो दिन बाद यानी कि 17 सितंबर 2025 को सूर्य भी कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, बुध और सूर्य कन्या राशि में युति का निर्माण करते हुए बेहद शुभ माने जाने वाले बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे। बता दें कि बुधादित्य योग जातकों को धन-समृद्धि और सफलता देने वाला माना जाता है।    

बुध की कन्या राशि में विशेषता 

  • कन्या राशि में बुध की स्थिति बेहद ख़ास मानी जाती है क्योंकि इस राशि में बुध की स्थिति भद्र महापुरुष योग का निर्माण करती है। अगर यह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में विराजमान होते हैं, तो आपको भद्र या कुलीन पद तक पहुंचाने का काम कर सकते हैं।
  • बुध महाराज जब कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो ऐसा जातक अपने घर, आर्थिक जीवन, आसपास के लोगों और कार्यों को संभालने में माहिर होता है। कन्या राशि में बुध की स्थिति व्यक्ति को समाधान खोजने में सक्षम बनाती है। 
  • जब बुध ग्रह कन्या राशि में उपस्थित होते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति को हर कार्य में सफलता की प्राप्ति हो। साथ ही, वह अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी बुद्धि और विवेक का उपयोग अच्छे से कर पाता है। 
  • बुध की कन्या में उपस्थिति जातक को प्रबंधन और विश्लेषण से जुड़े व्यापार में कामयाबी दिलाने का काम करती है। 
  • साथ ही, ऐसा व्यक्ति गणितज्ञ, डाटा विश्लेषक, उद्यमी, सीईओ, प्रबंधक, आहार विशेषज्ञ, परामर्शदाता, विपणन, सेल्स पर्सन आदि बनता है।
  • ऐसे जातक जिनका जन्म कन्या राशि में बुध के तहत होता है, उन्हें जीवन में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन्हें गुर्दे, नाभि और पीठ के निचले हिस्से से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। 
  • सिर्फ़ इतना ही नहीं, आपको वाणी, मस्तिष्क और त्वचा से संबंधित समस्याएं भी घेर सकती हैं। 

आइए अब हम नज़र डालते हैं बुध ग्रह के ज्योतिषीय महत्व पर। 

बुध का कन्या राशि में गोचरज्योतिष की दृष्टि से 

  • ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि यह मनुष्य जीवन में बुद्धि, संचार, तर्कशक्ति, शिक्षा और व्यापार को नियंत्रित करते हैं।
  • बात करें बुध ग्रह के नाम के अर्थ की, तो बुध ग्रह का नाम संस्कृत भाषा के शब्द ‘बुध’ से बना है, जिसका अर्थ “बुद्धिमान” होता है। 
  • बुध महाराज बेहद शक्तिशाली होते हैं जो व्यक्ति के मन-मस्तिष्क, विवेक, ज्ञान और तर्क क्षमता को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।  
  • मनुष्य जीवन में बुध देव बुद्धिमानी और शिक्षा का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध देव मजबूत स्थिति में होते हैं, उन्हें तेज दिमाग, मज़बूत तर्कशक्ति और ज्ञान का आशीर्वाद देते हैं। 
  • ऐसे में, व्यक्ति इनसे जुड़े क्षेत्रों में ही आगे बढ़ता है और इनकी रुचि विज्ञान, साहित्य और गणित में होती है। 
  • संचार के प्रमुख ग्रह के रूप में बुध देव प्रत्येक व्यक्ति के बात करने की शैली, संचार कौशल, और लेखन क्षमता को भी नियंत्रित करते हैं। 
  • अगर किसी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति अनुकूल होती है, तो वह लेखक, संचारक या अच्छा वक्ता बनता है। 
  • साथ ही, बुध महाराज को व्यापार के कारक भी माना जाता है। ऐसे में, यह व्यक्ति को व्यापार में सफलता दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इनके प्रभाव से ही निर्णय लेने और आर्थिक योजना बनाने की क्षमता मज़बूत होती है। 
  • जिन जातकों से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं या कुंडली में इनकी स्थिति शुभ होती है, तो उन्हें व्यापार में सफलता मिलती है। वह आर्थिक मामलों को भी समझदारी से संभालते हैं।]
  • तर्कशक्ति और विवेक के प्रतीक के रूप में बुध देव किसी इंसान के सोच-विचार करने की क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की योग्यता को बढ़ाते हैं। बुध की अनुकूल स्थिति वाले जातक निर्णय लेने में तेज और धैर्यवान होते हैं।

 

बुध ग्रह का धार्मिक महत्व

  • ज्योतिष की तरह ही बुध देव का धार्मिक महत्व भी है। शायद ही आप जानते होंगे कि ग्रहों के युवराज बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है।
  • बता दें कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु संतुलन और धैर्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी प्रकार, बुध ग्रह व्यक्ति के जीवन में विवेक, धैर्य, बुद्धिमानी और संतुलन लेकर आते हैं।
  • जब कुंडली में बुध ग्रह का शुभ प्रभाव होता है, तो जातक का झुकाव धर्म-कर्म में होता है। ऐसे में, वह धार्मिक मार्ग पर ही चलना पसंद करता है। 
  • ऐसा जातक धार्मिक प्रवृत्ति की वजह से धार्मिक ग्रंथों जैसे वेद, पुराण आदि का अध्ययन करते हुए नज़र आता है। 
  • सनातन धर्म में बुध ग्रह की पूजा देवता के रूप में की जाती है जो मान्यताओं के अनुसार  हमारी प्रज्ञा के देवता माने गए हैं।
  • सप्ताह में बुध ग्रह को बुधवार का दिन समर्पित होता है इसलिए बुद्धि और कारोबार में कामयाबी हासिल करने के लिए इस दिन बुध ग्रह की पूजा-अर्चना फलदायी मानी जाती है। 
  • बता दें कि धार्मिक दृष्टि से बुध महाराज को वृद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद देने वाले देव माना गया है। 
  • ऐसा कहा जाता है कि जिस इंसान पर बुध देव प्रसन्न हो जाते हैं, उसे कभी भी जीवन में समस्या नहीं आती है। साथ ही, उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। ब
  • सभी दिशाओं में बुध देव को उत्तर दिशा का स्वामित्व प्राप्त है और इस दिशा का संध कुबेर देव से है। 

चलिए अब हम आपको अवगत करवाते हैं कुंडली में शुभ बुध होने पर कैसे परिणाम मिलते हैं। 

बुध का कन्या राशि में गोचर: बुध का शुभ-अशुभ प्रभाव 

कुंडली में मज़बूत बुध का प्रभाव 

जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बुध ग्रह जातकों के जीवन को विशेष रूप से प्रभावित  करता है, कैसे? आइए जानते हैं। 

  • अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध देव की स्थिति बलवान होती है, तो व्यक्ति का संचार कौशल बेहतरीन होता है। वह अपनी बातों से सबका दिल जीतने में सक्षम होता है और साथ ही, वह हाज़िर जवाब होता है। 
  • कुंडली में बुध बलवान होने पर जातक बहुत बुद्धिमान और चतुर होता है। गणित पर उसकी पकड़ मज़बूत होती है और वह गणनाएं करने में बेहद तेज़ होता है। ऐसा व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र को तार्किक होकर देखता है। 
  • शुभ बुध के प्रभाव से जातक वाणिज्य और कारोबार में अपार सफलता प्राप्त करता है। किसी व्यक्ति पर बुध की कृपा उसे अच्छा स्पीकर बनाती है। साथ ही, वह संवाद और संचार से जुड़े क्षेत्र में करियर बनाता है। 

अब हम आपको ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कमज़ोर बुध की निशानी होते हैं। 

 

कुंडली में कमज़ोर बुध के संकेत

याददाश्त कमजोर होना: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह दुर्बल अवस्था में होते हैं, वह ज्यादा देर तक बातें याद नहीं रख पाते हैं। साथ ही, किसी भी काम में ध्यान लगाने में परेशानी का अनुभव होता है।

बोलने में समस्या: अशुभ बुध के प्रभाव से व्यक्ति को वाणी से जुड़ी समस्याएं परेशान करने लगती हैं जैसे तुतलाना, हकलाना और शब्दों का गलत चयन करना।

अधिक चिंता करना: अगर कोई इंसान बार-बार किसी बात को लेकर परेशान या चिंता में रहता है जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, तो यह कमज़ोर बुध का संकेत होता है।

सही निर्णय न लेना: कुंडली में दुर्बल बुध के प्रभाव से जातक को जीवन में सही निर्णय लेने में परेशानी होती है और ऐसे में, वह कई बार गलत फैसले ले लेता है। साथ ही, हमेशा भ्रमित रहता है।

त्वचा और नस संबंधित समस्याएं होना: कमज़ोर बुध से पीड़ित व्यक्ति को त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे एलर्जी या फिर हाथ-पैर सुन्न होना आदि हो सकती हैं।

व्यापार में घाटा: जिन लोगों का बुध कमज़ोर होता है, उन्हें संचार कौशल, शिक्षा, व्यापार और लेखन से जुड़ी समस्याएं रह सकती हैं। साथ ही, व्यापार में हानि भी झेलनी पड़ सकती है।

नीरस होना: बुध देव के नकारात्मक प्रभाव से जातक का स्वभाव नीरस और उदासीन हो जाता है।

चलिए अब हम जान लेते हैं बुध ग्रह को कैसे मज़बूत कर सकते हैं।

 

बुध का कन्या राशि में गोचर: सरल एवं अचूक उपाय 

  • बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए बुधवार के दिन व्रत रखें और इस दिन हरे रंग के कपड़े धारण करें। साथ ही, हरे चने का सेवन करें और तुलसी के पौधे की पूजा करें।
  • बुध से शुभ फल पाने के लिए बुधवार के दिन हरा मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां और हरी सब्जियों का दान करें। 
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश को पान और दूर्वा (हरी घास) अर्पित करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं। 
  • बुध ग्रह को कुंडली में बलवान करने के लिए प्रतिदिन या बुधवार के दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का या “ॐ गण गणपतये नमो नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • बुध ग्रह के रत्न पन्ना को बुधवार के दिन चांदी या सोने की अंगूठी में छोटी उंगली में धारण करें। हालांकि, आपको ऐसा करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। 
  • नियमित रूप से गाय माता की सेवा करने से बुध ग्रह कुंडली में बलवान होता है। साथ ही, बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं। 



 

कन्या राशि में भद्र योग: इन राशियों को मिलेगा लाभ

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए कन्या राशि में बुध का गोचर और उसमें बना भद्र योग बहुत शुभ फल देने वाला रहेगा। इस दौरान बुध आपकी कुंडली का लग्न और चौथे भाव (घर, सुख-सुविधा) के स्वामी बनकर चौथे भाव में स्थित होगा। इससे सीधा असर दसवें भाव (कर्म और पेश का भाव) पर पड़ेगा। इसका मुख्य प्रभाव आपकी बोलचाल की कला, समझदारी और व्यक्तित्व में निखार के रूप में सामने आएगा।

आप लोगों को अपनी बातों से प्रभावित कर पाएंगे और समाज में सम्मान और पहचान भी मिलेगी। यह समय विशेष रूप से मीडिया, लेखन, पत्रकारिता, राजनीति और अन्य संचार से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए लाभकारी रहेगा। एक खास बात यह भी है कि चौथे भाव के स्वामी बुध, इस गोचर में लग्न में भी प्रभाव डाल रहा है, इसलिए इस समय आप नया वाहन (जैसे कार आदि) खरीदने की योजना भी बना सकते हैं। कुल मिलाकर, यह समय बुद्धिमत्ता, सामाजिक सफलता और सुविधाओं में वृद्धि लेकर आ सकता है।

 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध का गोचर उनके पहले भाव में हो रहा है और यह ग्रह उनकी कुंडली में दसवें भाव यानी करियर भाव के स्वामी हैं। इस कारण यह योग आपके व्यक्तित्व, करियर और साझेदारी के क्षेत्रों में विशेष प्रभाव डालेगा। बुध के लग्न में स्थित होने से सातवें भाव (साझेदारी, सार्वजनिक जीवन) पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इस दौरान भाग्य का साथ मिलेगा और जीवन के कई क्षेत्रों में तरक्की के योग बनेंगे। 

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय बेहद शुभ रहेगा क्योंकि सफलता की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, उन्हें गुरुओं और वरिष्ठों का मार्गदर्शन और सहयोग भी प्राप्त होगा। जो लोग व्यापार, खासकर इंपोर्ट-एक्सपोर्ट जैसे कामों में लगे हैं, उन्हें भी इस अवधि में अच्छा मुनाफा और सकारात्मक परिणाम मिलेगा। कुल मिलाकर यह समय कन्या राशि वालों के लिए बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास, करियर की प्रगति और आर्थिक सफलता लेकर आएगा।

 

धनु राशि

इस गोचर के दौरान बुध ग्रह धनु राशि वालों की कुंडली के दसवें भाव यानी करियर भाव में स्थित रहेगा और यह सातवें भाव (साझेदारी, विवाह, सार्वजनिक संबंध) के स्वामी भी है। बुध की यह स्थिति चतुर्थ भाव पर भी सीधा प्रभाव डालेगी, जिससे घरेलू यात्रा या स्थान परिवर्तन के संकेत भी मिल सकते हैं। 

कन्या राशि में बन रहा भद्र  भद्र योग धनु राशि के जातकों के लिए करियर में सफलता, नई जिम्मेदारियां, और प्रोफेशनल ग्रोथ के संकेत देता है। यदि आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो यह समय इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए बहुत अनुकूल है। इस समय आप प्रतिद्वंद्वियों पर विजय पा सकेंगे और अपने काम में बेहतर पहचान बना सकेंगे।

जो लोग लंबे समय से प्रोफेशनल लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, उन्हें अब उसका अच्छा फल मिलेगा। इस शुभ योग के दौरान आपको सलाह दी जाती है कि आप सक्रिय रहें, नई संभावनाओं के लिए खुले रहें और हर अवसर का पूरा लाभ उठाएं। यह समय आपके लिए करियर में उन्नति और मान-सम्मान लाने वाला साबित हो सकता है।

मीन राशि

मीन राशि वालों की कुंडली में भद्र योग का निर्माण सातवें भाव  (विवाह, साझेदारी और सार्वजनिक संबंधों का घर) में हो रहा है, जो इसे बहुत ही शुभ और फलदायी बनाता है। यह योग मीन राशि के जातकों को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में सफलता और तरक्की दिला सकता है। करियर और व्यापार के लिहाज से यह समय बहुत अच्छा रहेगा। जो लोग व्यवसाय में हैं, उन्हें नई डील्स से अच्छा मुनाफा होगा और व्यापार विस्तार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। 

जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए यह समय नई नौकरी पाने का है, और जो पहले से कार्यरत हैं, उन्हें पदोन्नति (प्रमोशन) मिलने की संभावना है। छात्रों के लिए भी यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार परिणाम लाने वाला साबित होगा। कुल मिलाकर इस योग के प्रभाव से मीन राशि वालों की आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार होगा और जीवन में नई सकारात्मक दिशा दिखाई देगी।

 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. बुध किस राशि में उच्च माने जाते हैं?

कन्या राशि में

2. मंगल किस राजयोग को जन्म देता है?

रूचक राजयोग

3. बुध द्वारा निर्मित कोई अन्य राजयोग?

शुक्र के साथ लक्ष्मी नारायण राजयोग

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