Omasttro के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको वक्री अवस्था में बुध का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि वक्री बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि वक्री अवस्था में बुध का तुला राशि में गोचर 23 नवंबर 2025 की शाम 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
पारंपरिक ज्योतिष में बुध बुद्धि, संचार और मानसिक गतिविधियों का प्रतीक होता है। यह हमारे, विचारों सीखने, वाणी और आपसी संबंधों को नियंत्रित करता है। बुध को अक्सर देवताओं का संदेशवाहक कहा जाता है, जो संचार लचीलापन और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। यह मिथुन और कन्या राशि वालों को तेज दिमाग और सीखने की गहरी इच्छा तथा विस्तार में रुचि प्रदान करता है।
किसी व्यक्ति के कुंडली में बुध की स्थिति यह बताती है कि वह कैसे सोचता है, संवाद करता है और समस्याओं का समाधान करता है। जब बुध वक्री होता है, तो यह नई शुरुआत के बजाय आत्म-विश्लेषण और मूल्यांकन का समय होता है, क्योंकि इस दौरान संदेह, देरी और गलतफहमियां पैदा होती है। कुल मिलाकर, बुध मानसिक गतिविधियों और अभिव्यक्ति के बीच संबंध का प्रतीक है।
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बुध का तुला राशि में गोचर: विशेषताएं
जब बुध तुला राशि में होता है, तो बातचीत और सोच में कूटनीति, संतुलन और आकर्षण झलकता है। ऐसे लोग हर स्थिति के सभी पक्षों को तौलने के बाद ही राय बनाते हैं। उनका विचार संतुलन, सामंजस्य और न्याय पर आधारित होता है। उनकी वाणी मधुर, शालीन और समझदारी भरी होती है। ये लोग टकराव से बचना पसंद करते हैं और सबके बीच समानता व मेलजोल बनाए रखने की कोशिश करते हैं। इन्हें सुंदरता, कला और रिश्तों में गहरी रुचि होती है और ये अपने विचार बहुत सलीके से और सोच समझकर व्यक्त करते हैं।
बुध तुला राशि में होने पर व्यक्ति में सहयोग, समानता और साझेदारी की भावना प्रबल होती है। ऐसे लोग बातचीत, सलाह देने या रचनात्मक कामों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। हालांकि, सबको खुश रखने की उनकी प्रवृत्ति कभी-कभी निर्णय लेने में असमंजस या झिझक पैदा कर सकती है। कुल मिलाकर, तुला में बुध एक परिष्कृत बुद्धि और विचारशील, कूटनीतिक संवाद के माध्यम से लोगों से जुड़ने की स्वाभाविक क्षमता प्रदान करता है।
बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
मेष राशि
मेष राशि वालों आपके कुंडली के तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध अब तुला राशि से गोचर करते हुए आपके सातवें भाव ( पति-पत्नी, साझेदारी और रिश्तों का भाव) में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार बुध का सातवें भाव में रहना शुभ नहीं माना जाता। हालांकि तुला राशि बुध की मित्र राशि है, फिर भी इस समय किसी बहुत अच्छे परिणाम की उम्मीद करना ठीक नहीं होगा।
इस गोचर के दौरान पति-पत्नी के बीच या स्त्रियों के साथ वाद-विवाद या मनमुटाव हो सकता है। इसलिए अगर आप विवाहित हैं, तो अपने जीवनसाथी से किसी भी तरह की बहस या गलतफहमी से बचें। यह समय धैर्य और समझदारी से काम लेने का है।
तुला राशि
तुला राशि वालों की कुंडली में बुध भाग्य (नौवें भाव) और व्यय भाव (बारहवां भाव) के स्वामी हैं। तुला राशि में गोचर के दौरान बुध अब आपके लग्न भाव (पहला भाव) में रहेगा। यह स्थिति बहुत शुभ नहीं मानी जाती, क्योंकि जब बुध लग्न में आता है और साथ ही बारहवें भाव के स्वामी भी होता है, तो परिणाम कुछ मिले-जुले या नकारात्मक हो सकते हैं। एक दृष्टि से देखें तो भाग्येश का लग्न में होना अच्छा होता है, लेकिन गोचर के नियमों के अनुसार, बुध का लग्न में रहना बहुत लाभकारी नहीं माना गया है।
इसलिए इस समय आपको सावधानी और समझदारी से काम लेना चाहिए। हालांकि बुध अपनी मित्र राशि में है, जिससे कुछ सकारात्मक असर भी मिल सकता है, फिर भी लापरवाही या गैर- जिम्मेदारी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। इस अवधि में आपकी बोलने की शैली या भाषा का तरीका बदल सकता है। यानी कभी-कभी आपके शब्द दूसरों को गलत लग सकते हैं या गलतफहमी पैदा कर सकते हैं। इसलिए अपनी बातचीत और व्यवहार पर विशेष ध्यान देना जरूरी रहेगा।
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वृश्चिक राशि
आपकी कुंडली में बुध आठवें भाव (गोपनीयता, अचानक घटनाओं रिसर्च) और लाभ भाव (ग्यारहवां भाव) के स्वामी हैं। तुला राशि में गोचर के दौरान बुध अब आपके बारहवें भाव (खर्च, विदेश, हानि और एकांत) में रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, बुध का बारहवें भाव में रहना शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि बुध अपनी अनुकूल राशि में है, फिर भी इस समय अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि आठवें भाव के स्वामी जब बारहवें भाव में चला जाता है, तो स्थितियां थोड़ी चुनौतीपूर्ण बन जाती हैं।
इस गोचर के दौरान फिजूलखर्ची बढ़ने की संभावना है, इसलिए पैसों का सही प्रबंधन करें। अनावश्यक यात्राओं से बचें, क्योंकि वे थकान और खर्च दोनों बढ़ा सकती हैं। विवाहित जातक अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान दें, साथ ही खुद के स्वास्थ्य की भी अनदेखी न करें। छोटी-छोटी बातों में अत्यधिक चिंता या तनाव लेने से बचें, क्योंकि यह समय संयम और समझदारी से निकालने का है।
मीन राशि
मीन राशि राशि वालों की कुंडली में बुध चौथे भाव (घर, वाहन, माता, सुख) और सातवें भाव (जीवनसाथी, साझेदारी, रिश्ते) के स्वामी हैं। तुला राशि से गोचर करते समय बुध अब आपके आठवें भाव (अचानक घटनाएं, रहस्य, परिवर्तन) में रहेगा। आम तौर पर बुध का आठवें भाव में रहना कुछ अच्छे परिणाम भी दे सकता है, लेकिन चतुर्थ भाव का स्वामी जब आठवें भाव में जाता है, तो यह संकेत देता है कि वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
साथ ही, अगर इस अवधि में बुध का मंगल से योग बनता है, तो चोट या खरोंच लगने की संभावना भी रहती है। इसलिए यदि आप स्वयं वाहन चलाते हैं, तो बहुत सतर्क रहें। सप्तम भाव का स्वामी जब आठवें भाव में पहुंचता है, तो यह वैवाहिक जीवन में मतभेद या तनाव भी पैदा कर सकता है।
इसलिए अपने जीवनसाथी से संवाद शांतिपूर्ण रखें और किसी भी छोटे विवाद को बड़ा न बनने दें। हालांकि कुछ चुनौतियां रहेंगी, फिर भी यह बुध गोचर अचानक लाभ, नई समझ, या प्रोफेशनल सफलता भी दे सकता है। यानी कुछ कठिनाइयों के बावजूद यह समय आपको अप्रत्याशित सकारात्मक परिणाम दे सकता है।
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बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध दूसरे (धन, वाणी, परिवार) और पांचवें भाव (बुद्धि, संतान,शिक्षा) के स्वामी हैं। तुला राशि से गोचर करते समय बुध अब आपके षष्ठ भाव (प्रतिस्पर्धा, ऋण, रोग और शत्रु) में रहेगा। क्योंकि बुध एक बुध ही शुभ राशि में गोचर कर रहा है, इसलिए इसका प्रभाव सकारात्मक और लाभदायक रहेगा। यह गोचर आपको आर्थिक रूप से मजबूत बना सकता है।
कहा जाता है कि तुला राशि में बुध का यह गोचर धन लाभ और आर्थिक प्रगति के योग लेकर आता है। दूसरे भाव के स्वामी जब षष्ठ भाव में पहुंचता है, तो ऋण या लोग से संबंधित कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। जो लोग बैंक लोन या किसी अन्य स्रोत से आर्थिक मदद पाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इस समय में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। यह गोचर आपके विरोधियों पर विजय दिला सकता है और कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठा एवं सम्मान भी बढ़ा सकता है। यानी कुल मिलाकर यह समय आपकी मेहनत को पहचान दिलाने वाला और आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने वाला रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में बुध तीसरे भाव (संचार, प्रयास, भाई-बहन) और द्वादश भाव (खर्च, विदेश, एकांत) के स्वामी है। तुला राशि में गोचर करते समय बुध अब आपके चौथे भाव (घर, माता, संपत्ति और सुख) में रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, बुध का चौथे भाव में रहना शुभ परिणाम देने वाला माना जाता है। साथ ही, बुध इस समय अनुकूल राशि में है, इसलिए इसका असर और भी सकारात्मक रहेगा।
इस गोचर का प्रभाव आपके घर-परिवार और घरेलू मामलों पर अच्छा रहेगा। आप अपने माता से संबंधित मामलों में भी लाभ या सुख का अनुभव कर सकते हैं। साथ ही, संपत्ति या घर से जुड़े मामलों, जैसे नया घर खरीदना, रेनोवेशन या भूमि संबंधी कार्य में भी प्रगति और सफलता मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर यह बुध गोचर घर-परिवार में शांति, स्थिरता और सुखद वातावरण लेकर आएगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों की कुंडली में बुध षष्ठ भाव (प्रतिस्पर्धा, रोग, सेवा) और नवम भाव (भाग्य,धर्म, सौभाग्य) के स्वामी हैं। तुला राशि में गोचर के दौरान बुध अब आपके दसवें भाव (कर्म, करियर, प्रतिष्ठा) में रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, बुध का दसवें भाव में रहना अत्यंत शुभ और प्रगति देने वाला माना जाता है। साथ ही भाग्य भाव के स्वामी जब कर्म भाव में आता है, तो यह संकेत देता है कि आपके कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा। यानी आपकी मेहनत और किस्मत, दोनों का मेल इस समय खूब अच्छा रहेगा।
नौकरी या व्यवसाय में यह समय आपके लिए उन्नति और सफलता लेकर आ सकता है। सीनियर्स या अधिकारियों से संबंध अच्छे होंगे और उनकी तरफ से सहयोग मिलेगा। अगर आप किसी प्रतिस्पर्धी माहौल में हैं, तो आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलेंगे। जो लोग व्यापार कर रहे हैं, उन्हें भी अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर यह बुध गोचर करियर में प्रगति, सम्मान और आर्थिक लाभ दिलाने वाला रहेगा।
कुंभ राशि
आपकी कुंडली में बुध पांचवें भाव (संतान,बुद्धि, प्रेम) और आठवें भाव (अचानक परिवर्तन, रहस्य, बाधाएं) के स्वामी है। तुला राशि में गोचर करते समय बुध अब आपके नौवें भाव (भाग्य, धर्म, लंबी यात्रा, उच्च शिक्षा) में रहेगा। आमतौर पर बुध का नौवें भाव में रहना बहुत शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन, चूंकि बुध इस समय अपनी अनुकूल राशि में है, इसलिए इसके नकारात्मक प्रभाव बहुत कम होंगे। पांचवें भाव के स्वामी जब नौवें भाव में पहुंचता है, तो यह स्थिति संतान से संबंधित मामलों, प्रेम संबंधों और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम देने वाी होती है।
इस दौरान विद्यार्थियों को पढ़ाई में फायदा होगा और वे अपनी बुद्धि व समझ से अच्छे परिणाम हासिल कर पाएंगे। कुल मिलाकर, यह बुध गोचर आपके लिए मिले जुले लेकिन अधिकतर सकारात्मक परिणाम देगा। यानी गोचर के नियमों के अनुसार भले ही यह बहुत उत्तम स्थिति न हो, लेकिन वर्तमान परिस्थितियां यह दर्शाती हैं कि आपको भाग्य का साथ और कुछ अच्छे अवसर अवश्य मिलेंगे।
बुध का तुला राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- इस अवधि में शांति वार्ताओं, समझौतों और बातचीत पर अधिक ज़ोर दिया जाएगा।
- विश्व के नेता और अंतरराष्ट्रीय संगठन संघर्ष के बजाय सहयोग और संतुलन को प्राथमिकता देंगे, विशेषकर राजनीतिक या व्यापारिक विवादों में।
- वैश्विक दृष्टिकोण भी इस समय समझौते, न्याय और संतुलन की दिशा में झुका रहेगा, यानी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में निष्पक्षता और आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
संचार और शैली में परिवर्तन
- इस अवधि में वैश्विक स्तर पर बातचीत का तरीका अधिक समझदारी भरा, आकर्षक और प्रभावशाली हो जाएगा।
- मीडिया और राजनीति में भी स्वर टकराव से हटकर सुलह, संतुलन और छवि सुधार की ओर झुकेगा।
- लोग, यहां तक कि कंपनियां भी, जनसंपर्क, ब्रांड छवि और सामाजिक शिष्टाचार पर विशेष ध्यान देंगी।
न्याय, कानून और समानता का विषय
- तुला राशि कानून, समानता और सामाजिक न्याय की प्रतीक मानी जाती है। इसलिए इस समय मानवाधिकार, न्याय और जवाबदेही से जुड़े मुद्दों पर चर्चाएं और भी तेज़ हो सकती हैं।
- कानूनी व्यवस्थाओं या सामाजिक आंदोलनों में सुधार, संतुलन और पारदर्शिता की नई मांगें उठ सकती हैं, जिससे न्याय और समानता के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा बन सकती है।
बुध का तुला राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
23 नवंबर 2025 को जब बुध तुला राशि में प्रवेश करेगा, तब इसका सीधा असर शेयर बाजार और आर्थिक माहौल पर दिखाई दे सकता है। यह गोचर बाजार में हलचल तो लाएगा, लेकिन साथ ही संतुलन और स्थिरता की भावना भी बनाए रखेगा। आइए एक नज़र डालते हैं बुध के गोचर का शेयर बाजार पर असर:
- निवेशकों का व्यवहार संतुलित रहेगा, वे जल्दबाज़ी या भावनाओं में आकर नहीं, बल्कि डेटा और तथ्यों के आधार पर निर्णय लेंगे।
- संस्थानों, नियामकों और सरकारों के बीच सहयोग बढ़ेगा।
- ट्रेडिंग का रुझान स्थिर या रेंज-बाउंड रह सकता है, क्योंकि तुला राशि संतुलन चाहती है, अत्यधिक उतार-चढ़ाव नहीं।
- रिलायंस, हिंदाल्को इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों को इस गोचर से लाभ मिलने की संभावना है
- चूंकि बुध सूचना और संचार का ग्रह है, इसलिए ट्रेडिंग का तरीका अधिक परिष्कृत और कूटनीतिक होगा।
- बैंकों और आरबीआई की नीतियां और संचार भी इस समय संवेदनशील, सावधानी पूर्ण और संतुलित भाषा में रहेंगे, न कि किसी चौंकाने वाले अंदाज़ में।
- सरकारों या आर्थिक समूहों के बीच नीति समन्वय बढ़ेगा, क्योंकि तुला राशि का प्रभाव सहयोग और आपसी समझ को प्रोत्साहित करता है।
- कुल मिलाकर, यह बुध गोचर बाजार को संवेदनशील लेकिन संतुलित दिशा में ले जा सकता है, जहां स्मार्ट रणनीति, सहयोग और विवेकपूर्ण निवेश सफलता की कुंजी बनेंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
हां
नहीं, तुला राशि में यह वक्री होगा
26 नवंबर, 2025

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