बुध वृश्चिक राशि में वक्री: बुध जब वक्री गति में होता है, तो यह हमारी सोच संवाद और यात्रा के तरीकों पर गहरा प्रभाव डालता है। विशेष रूप से जब यह वृश्चिक राशि में वक्री होता है, तो इसके प्रभाव और भी गहरे और रहस्यमय हो सकते हैं। वृश्चिक राशि जोकि जल तत्व की राशि है, भावनाओं और गहरी सोच से जुड़ी होती है और जब बुध यहां वक्री होता है, तो यह मानसिकता को गहरा छिप हुए पहलुओं की ओर मोड़ सकता है।
इस समय विचारों की स्पष्टता में कमी आ सकती है और पुराने मुद्दों या विचारों का पुनरावलोकन करना आम हो सकता है। यह वक्री बुध समय आत्मनिरीक्षण और गहरे बदलाव का समय होता है, जिसमें हम अपनी पुरानी धारणाओं और सोच के तरीकों को पुनः विचारने की स्थिति में होते हैं। यह समय है, जब हम अपनी भावनाओं, रिश्तों और जीवन के गहरे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और कुछ महत्वपूर्ण आत्म परिवर्तन कर सकते हैं।
बता दें कि बुध जल्द ही वृश्चिक राशि में वक्री हो रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको “बुध वृश्चिक राशि में वक्री” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं बुध वक्री की तिथि और समय पर।
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: तिथि और समय
बुध महाराज 10 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट पर वृश्चिक राशि में वक्री हो जाएंगे। आइए अब जानते हैं वक्री का क्या अर्थ है और वक्री बुध का क्या प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।
वक्री ग्रह का अर्थ
ज्योतिष में वक्री ग्रह उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई ग्रह अपनी सामान्य गति से उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। यह वास्तव में ग्रह की वास्तविकता उल्टी चाल नहीं होती, बल्कि पृथ्वी की गति के कारण उत्पन्न एक दृश्य भ्रम होती है। जब पृथ्वी किसी ग्रह को अपनी कक्षा से आगे निकल जाती है, तो उस ग्रह की चाल हमें पीछे की ओर जाती हुई दिखाई देती है इसी अवस्था को वक्री कहा जाता है।
वक्री ग्रहों का ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत गहरा महत्व होता है। जब कोई ग्रह वक्री होता है, तो उसकी ऊर्जा बाहरी रूप से प्रकट होने के बजाय अंतर्मुखी रूप में कार्य करती है। इसका अर्थ है कि उस ग्रह से जुड़े जीवन के क्षेत्र में व्यक्ति को पुनर्विचार, आत्मनिरीक्षण और सुधार के अवसर मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब बुध वक्री होता है, तो विचार, संवाद, तकनीक और यात्रा से जुड़ी परिस्थितियों में रुकावटें या भ्रम उत्पन्न हो सकते हैं, पर यह समय पुराने विचारों और योजनाओं की समीक्षा करने के लिए भी उत्तम होता है।
इसी प्रकार, शुक्र वक्री होने पर संबंधों, प्रेम और मूल्य प्रणाली पर पुनर्विचार करने का समय आता है, जबकि शनि वक्री व्यक्ति को अपने कर्म, जिम्मेदारी और अनुशासन से जुड़े सबक सिखाता है। कुल मिलाकर, वक्री ग्रह किसी बाधा का संकेत नहीं, बल्कि एक आत्मिक पुनर्संतुलन की प्रक्रिया है, जो हमें भीतर झांककर अपनी गलतियों को सुधारने और जीवन की दिशा को स्पष्ट करने का अवसर प्रदान करती है।
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बुध वृश्चिक राशि में वक्री: ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह को ज्ञान, बुद्धि, तर्क, संवाद और व्यापार का प्रतीक माना गया है। यह ग्रह व्यक्ति की मानसिक क्षमता, सोचने की शैली, बोलचाल की कला, समझदारी और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण को नियंत्रित करता है। बुध को “विवेक का ग्रह” कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति को तार्किक निर्णय लेने और परिस्थितियों का बारीकी से विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करता है। बुध ग्रह का संबंध मिथुन और कन्या राशियों से है, इनमें मिथुन राशि को यह अधिक संवादात्मक बनाता है, जबकि कन्या राशि में यह विश्लेषणात्मक और सूक्ष्म दृष्टि देता है।
यदि किसी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में हो, तो व्यक्ति में चतुराई, तेज दिमाग और व्यावसायिक की संभावना अधिक होती है। ऐसे लोग नई जानकारी को जल्द ग्रहण करते हैं और दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
इसके विपरीत यदि बुध कमजोर या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो व्यक्ति में भ्रम, असमंजस, संचार में गलती, या मानसिक अस्थिरता देखी जा सकती है। यह व्यक्ति के निर्णयों को प्रभावित कर सकता है और बोलचाल या लेखन में कठिनाइयां ला सकता है।
वक्री बुध का प्रभाव
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, संचार, शिक्षा, व्यापार और निर्णय लेने की क्षमता के कारक है इसलिए इसके वक्री होने पर व्यक्ति की सोच, बोलचाल और निर्णय पर असर पड़ता है। इस समय लोगों की बातों को गलत समझा जा सकता है या आपकी बात का गलत अर्थ निकाला जा सकता है। कार्यस्थल पर गलतफहमी या संचार की कमी से तनाव बढ़ सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, मोबाइल या इंटरनेट से जुड़ी रुकावटें भी आम रहती हैं। यात्रा या दस्तावेजों से संबंधित कामों में अड़चनें आ सकती हैं। साथ ही, पुराने रिश्ते या अधूरे काम फिर से सामने आ जाते हैं, जिससे व्यक्ति को अतीत की बातें याद आने लगती हैं। हालांकि यह समय केवल नकारात्मक नहीं होता, यह आत्ममंथन और सुधार का भी अवसर देता है।
पुराने कामों की समीक्षा कर उन्हें बेहतर बनाने का मौका मिलता है। जो रिश्ते पहले बिगड़ गण थे, उन्हें सुधारने का भी सही समय होता है। कुल मिलाकर वक्री बुध का समय धैर्य, सावधानी और सोच-समझकर चलने की सलाह देता है ताकि गलतफहमियों से बचते हुए व्यक्ति अपने अनुभवों से सीख सके।
बुध कमज़ोर होने पर मिलते हैं ये संकेत
- व्यक्ति को अपनी बात सही तरीके से कहने में दिक्कत होती है, वाणी में अस्पष्टता रहती है।
- छोटी-छोटी बातें याद नहीं रहती। ध्यान व एकाग्रता की कमी महसूस होती है।
- बुद्धि भ्रमित रहती है, जिससे व्यक्ति जल्दबाजी या बिना सोचे-समझे फैसले ले लेता है।
- विद्यार्थियों को याद करने या समझने में परेशानी होती है।
- बिज़नेस से जुड़ी बातें बार-बार बदलना, गलत सौदे करना या धोखा खाना — ये सब कमजोर बुध के संकेत हैं।
- कमजोर बुध से त्वचा, नसों, गले और नींद से जुड़ी परेशानियां भी देखी जाती हैं।
- मन हर बात पर सोचता रहता है, जिससे बेचैनी और मानसिक अस्थिरता बढ़ती है।
कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति
- ऐसा व्यक्ति तुरंत निर्णय लेने में सक्षम होता है, उसका दिमाग तेज़ और तार्किक होता है।
- व्यक्ति बहुत समझदारी से बोलता है, उसकी बातों में आकर्षण होता है, लोग उसकी राय को महत्व देते हैं।
- मजबूत बुध वाले लोग पढ़ाई, लेखन, अध्यापन, गणना या तकनीकी कार्यों में निपुण होते हैं।
- व्यापार, शेयर मार्केट या सेल्स में ऐसे व्यक्ति समझदारी से सौदे करते हैं और धन अर्जित करते हैं।
- किसी भी परिस्थिति में शांत रहना और विवेक से काम लेना इनकी पहचान होती है।
- ये लोग सामाजिक रूप से लोकप्रिय रहते हैं, बातचीत में विनोद और आकर्षण होता है।
- बुध ग्रह तंत्रिका और त्वचा का कारक है, इसलिए मजबूत बुध वाले व्यक्ति मानसिक रूप से सतर्क और शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं।
बुध की स्थिति को मजबूत करने के आसान प्रभावी उपाय
- बुधवार के दिन भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही, “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- बुधवार को हरी मूंग, हरी सब्जियां, हरा कपड़ा या हरे फल दान करें। इसे विद्यार्थियों, गायों या गरीबों को देना अत्यंत शुभ माना गया है।
- बुध ज्ञान और शिक्षा का कारक है। इसलिए पढ़ाई कर रहे बच्चों को किताबें, पेन या कॉपी दान करना शुभ होता है।
- क्रोध या कटु शब्दों से बचें। बुध ग्रह वाणी का स्वामी है, इसलिए मधुर और सच्ची वाणी रखने से इसका प्रभाव तेज़ी से बढ़ता है।
- आहार में हरी मूंग, धनिया, पुदीना, पालक, अमरूद, सेब, तुलसी आदि शामिल करें।
- बुध ग्रह “हरापन” से जुड़ा है, इसलिए हरा रंग शुभ माना जाता है।
- रोज़ाना ध्यान, योग और मस्तिष्क को शांत रखने वाले कार्य करें। इससे बुध की ऊर्जा स्थिर होती है और निर्णय क्षमता बढ़ती है।
- यह बुध ग्रह को प्रसन्न करने का बहुत सरल और प्रभावी उपाय माना गया है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके आठवें भाव में होंगे।
इसके परिणामस्वरूप अचानक परेशानियां और रुकावटें आ सकती हैं, भले ही मौके अच्छे मिलें। आपकी मेहनत में भी बार-बार रुकावटें आ सकती हैं, हालांकि कभी-कभी अचानक फायदा भी मिल सकता है।
करियर के क्षेत्र में काम का बोझ बढ़ सकता है और शेड्यूल थोड़ा टाइट रहेगा। व्यापार में फायदा-नुकसान दोनों की संभावना है और कड़ी प्रतिस्पर्धा रह सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में आपको यात्रा से संबंधित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, थोड़ी सुस्ती भी आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, रिश्ते में शांति बनाए रखना जरूरी होगा। विश्वास की कमी महसूस हो सकती है, इसलिए पार्टनर के साथ समझदारी और मेलजोल बढ़ाने की जरूरत है।
सेहत की बात करें तो, आंखों में जलन या दांतों में परेशानी हो सकती है, जिसका इलाज कराना जरूरी होगा।
उपाय- प्रतिदिन 19 बार “ऊँ भौमाय नमः” का जाप करें।
वृषभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके आपके सातवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप इस दौरान आपको नए दोस्त बनाने और नए लोगों से जुड़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन साथ ही दोस्तों के साथ थोड़े मनमुटाव या झगड़े भी हो सकते हैं, इसके लिए तैयार रहना होगा।
वृषभ राशि के जातकों के करियर की बात करें तो, काम में धीरे-धीरे प्रगति होगी और स्थिरता बनी रहेगी, लेकिन कोई बड़ा इनाम या तरक्की मिलने की उम्मीद थोड़ी कम है।
व्यापार के क्षेत्र में, इस समय मुनाफा कमाने और नए सौदे करने का अच्छा मौका मिलेगा, जिससे आपकी कमाई बढ़ सकती है।
आर्थिक जीवन के मामले में, यात्रा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा और इसके जरिए अच्छी कमाई हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ खुशहाली बनाए रखने के लिए आपको थोड़े समझौते करने पड़ेंगे, तभी रिश्ते में मिठास बनी रहेगी।
स्वास्थ्य की बात करें तो, अपने पार्टनर की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है, खासकर अगर उन्हें कमर दर्द की समस्या हो रही हो तो इलाज में पैसा खर्च करना पड़ सकता है।
उपाय- गुरुवार को बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके छठे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप, आपको पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो आपको परेशान कर सकती हैं। आर्थिक रूप से, आपको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
करियर की बात करें तो, इस समय आपके अपने वरिष्ठ के साथ बहस या मतभेद हो सकते हैं और आपको लग सकता है कि आपकी मेहनत को अनदेखा किया जा रहा है।
व्यापार में, भले ही आप अच्छा काम करेंगे, लेकिन आशंका है कि जितना मुनाफा चाह रहे हैं, उतना न मिल पाए।
आर्थिक मामले में, खर्चे बढ़ सकते हैं और कुछ जरूरी वजहों से आपको उधार लेने की नौबत भी आ सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से दूरी या मनमुटाव हो सकता है, जिससे रिश्ते में तालमेल बनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
आपके स्वास्थ्य की बात करें तो, इस दौरान इम्युनिटी कमजोर हो सकती है और पीठ दर्द जैसी समस्या भी परेशान कर सकती है, जिसका इलाज कराना जरूरी होगा।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ऊँ नमो नारायण” का जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री पांचवें भाव में होंगे।
इसके परिणामस्वरूप से बच्चों की तरक्की को लेकर चिंता बढ़ सकती है और मन थोड़ा परेशान रह सकता है। साथ ही, इस दौरान आपको बिना वजह की यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में, साथ काम करने वालों और सहकर्मियों से काम को लेकर बहस या अनबन हो सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस समय मुनाफा थोड़ा कम रहेगा, खासकर सट्टे या जोखिम वाले कामों में। लाभ प्राप्त करने के लिए आपको बेहतर योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आमदनी जरूरतों के मुकाबले कम पड़ सकती है, जिससे बचत कर पाना और खर्च संभालना मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के प्रति अपनी रुचि खो सकते हैं, जिससे रिश्ते में थोड़ी दूरी आ सकती है और आशंका है कि आपको अपनी खुशी में कमी महसूस हो।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, बच्चों की सेहत को लेकर चिंता रहेगी और उनकी देखभाल पर ज्यादा खर्च भी हो सकता है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
उपाय- प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का जाप करें।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि आपको मनचाहा सुकून और आराम न मिल पाए और आपके द्वारा किए गए प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं।
करियर में, इस दौरान परिवार पर ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है, जिससे आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। यहां तक कि अपनी खुशी भी आपको उनके लिए कुर्बान करनी पड़ सकती है।
व्यापार में, आपको अपने बिजनेस पार्टनर के साथ तालमेल बनाने में दिक्कत आ सकती है। कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ सकता है, जिससे आपका आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में, संभावना है कि खुद के आराम और सुख-सुविधाओं के लिए आपके पास अधिक धन न रहे, जबकि परिवार पर खर्च लगातार बढ़ता रहेगा।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से बातों-बातों में बहस हो सकती है, जिससे रिश्ते की मिठास थोड़ी कम हो सकती है। इसलिए आपको थोड़ा सोच समझ कर चलने की आवश्यकता होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से इस समय माता जी की सेहत पर भी खर्चा आ सकता है, इसलिए पहले से ही इसकी प्लानिंग करना सही रहेगा ताकि समय पर सब ठीक हो सके।
उपाय- प्रतिदिन विष्णु आदित्य हृदयम का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि की कुंडली में बुध महाराज आपके लिए पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध वृश्चिक राशि में वक्री तीसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप परिवार में तनाव हो सकता है, आपके कामों में रुकावटें आ सकती हैं और तरक्की में देरी हो सकती है। इस दौरान यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है।
करियर में, आपको अपने काम में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आशंका है कि ये बदलाव आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित न हो। इसलिए अपने काम की योजना सोच-समझकर बनाएं।
व्यापार में, ग्रोथ धीमी रहेगी, जिससे मुनाफा कम मिलेगा। इसलिए धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
आर्थिक मामले में, यात्रा के दौरान या लापरवाही के कारण पैसों का नुकसान हो सकता है, जिससे बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी के साथ रिश्ते में मिठास थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि आशंका है कि बातचीत में पहले जैसी गर्माहट न रहे। इसलिए रिश्ते में थोड़ी समझदारी दिखानी होगी।
सेहत की बात करें तो, पीठ दर्द की समस्या परेशान कर सकती है और इसका कारण आपकी कमजोर होती इम्यूनिटी हो सकती है। इसलिए सेहत का ध्यान रखें।
उपाय- प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए, बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं, बुध वृश्चिक राशि में वक्री दूसरे भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप से आपके पारिवारिक रिश्तों में थोड़ी खटास आ सकती है और अपनों के साथ मनमुटाव होने की संभावना है।
करियर के क्षेत्र में, अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ बहसबाजी या मतभेद हो सकता है, जिससे आपके काम में रुकावट आ सकती है।
व्यापार के क्षेत्र में, प्रतिस्पर्धा ज्यादा रहेगी, इसलिए आपको अपने काम की योजना बहुत समझदारी से बनानी होगी ताकि आगे रह सकें।
आर्थिक जीवन के मामले में, आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और इस अवधि कमाई कम होगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी से बातचीत करते समय शब्दों का खास ध्यान रखें, नहीं तो गलतफहमी बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से, कान और आंखों में तकलीफ हो सकती है, इसलिए अपना विशेष ख्याल रखें।
उपाय- प्रतिदिन ललिता सहस्रनाम का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके पहले भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप मन में नकारात्मक सोच बढ़ सकती है, जो आपकी तरक्की और खुशहाली में रुकावट डाल सकती है।
करियर के क्षेत्र में, काम पर आपका सीधा और कटाक्ष भरा रवैया आपके सीनियर्स को पसंद नहीं आएगा, जिससे आगे बढ़ने में दिक्कत आ सकती है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस समय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और मुनाफा कमाने में मुश्किल हो सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आमदनी ठीक रहेगी, लेकिन खर्चे और जरूरतें ज़्यादा होने के कारण पैसों की कमी महसूस हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, पुराने मन के भेदभाव या गिले-शिकवे की वजह से आप अपने जीवनसाथी से कड़वी बात कर सकते हैं, जिससे रिश्ते में खटास आ सकती है। इसलिए रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए भावनाओं को साफ करना जरूरी है।
सेहत की बात करें तो, पीठ और पैरों में अकड़न या दर्द हो सकता है, इसलिए आपको डॉक्टर से चेकअप कराने की सलाह दी जाती है।
उपाय- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए, बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी है और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपके कामों में रुकावटें आ सकती हैं और जो कोशिशें आप कर रहे हैं, उनमें देर लग सकती है। साथ ही कुछ करीबी दोस्त या साथी आपसे दूर हो सकते हैं और आशंका है कि भाग्य का साथ इस अवधि आपको न मिले।
करियर के क्षेत्र में, संभावना है कि आपको अपनी नौकरी से संतुष्टि न मिले क्योंकि काम का दबाव बढ़ेगा और उम्मीद के मुताबिक परिणाम मिलना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में मुनाफे में कमी आ सकती है और कई बार ऐसा भी हो सकता है कि न तो फायदा हो और न ही नुकसान यानी स्थिति बराबरी की बनी रहे।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी में उतार-चढ़ाव रहेगा, जिससे अच्छी खासी बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है और कभी-कभी धन को लेकर समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, खुशी कम महसूस होगी, क्योंकि रिश्तों में सामंजस्य यानी तालमेल में कमी आ सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, इस समय आपकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ सकती है, जिससे थकावट या शारीरिक कमजोरी महसूस होगी।
उपाय- प्रतिदिन 21 बार “ॐ बृहस्पतये नमः” का जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें दोनों भावों के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आप भाग्य थोड़ा कमजोर पड़ सकता है और जो लक्ष्य आपने तय किए हैं, उन्हें पाने में देरी हो सकती है। भले ही कुछ इच्छाएं पूरी हों, लेकिन मन में संतोष कम रहेगा।
करियर में, आशंका है कि आपके काम में वो संतुष्टि नहीं मिलेगी जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं और काम का दबाव या तनाव बढ़ सकता है।
व्यापार में मुनाफा तो होगा, लेकिन ज्यादा कमाई होने पर भी उसे संभालना या बचा पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी तो रहेगी, लेकिन बचत कर पाना थोड़ा कठिन हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन में, आपसी तालमेल की कमी या गलतफहमी के कारण रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है, इसलिए रिश्ते में थोड़ी समझदारी दिखाने की सलाह दी जाती है।
आपके सेहत की बात करें तो, आंखों में जलन या थकावट महसूस हो सकती है, जिससे आपका मन और शरीर थोड़ा असहज रह सकता है।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ॐ मंदाय नमः” का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री आपके दसवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप आपको अपने प्रयासों में देरी का सामना करना पड़ सकता है। आपके कार्यों में थोड़ी उलझन आ सकती है और आत्मविश्वास में भी थोड़ी गिरावट महसूस होगी। हालांकि, मन में सफलता पाने की जिद बनी रहेगी।
करियर में, नौकरी में बदलाव के योग बन रहे हैं, खासतौर से अगर आप खुद बदलाव की सोच रहे हैं। लेकिन ये बदलाव आपके आत्मविश्वास को थोड़े समय के लिए डगमगा सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस दौरान उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं होगा क्योंकि आशंका है कि भाग्य का साथ न मिले।
आर्थिक जीवन के मामले में, कमाई तो ठीक-ठाक रहेगी, लेकिन आपकी उम्मीद से थोड़ी कम हो सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, अपने पार्टनर के साथ खुशी और प्यार खुलकर जताना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इस समय अहंकार टकराव पैदा कर सकता है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, पीठ में तेज दर्द हो सकता है, जो आपकी फिटनेस और खुद की देखभाल में कमी की वजह से होगा। ध्यान रखना जरूरी रहेगा।
उपाय- प्रतिदिन 11 बार “ऊँ शिव ओम शिव ओम” का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और बुध वृश्चिक राशि में वक्री नौवें भाव में होगी।
इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि भाग्य का साथ थोड़ा कम मिले और इससे आपके विकास व तरक्की में रुकावटें आ सकती हैं।
करियर के क्षेत्र में कामकाज को लेकर मन में असंतोष रह सकता है और वरिष्ठों के साथ कहासुनी होने की भी संभावना है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, उन्हें आशंका है कि इस अवधि भाग्य का साथ न मिले और इसके चलते ज्यादा मुनाफा कमाने के मौके भी कम हो सकते हैं।
आर्थिक जीवन के मामले में, आमदनी बढ़ाने में अड़चनें आ सकती हैं और किस्मत का साथ न मिलने से आर्थिक तरक्की थोड़ी धीमी रह सकती है।
व्यक्तिगत जीवन में, संभावना है कि जीवनसाथी के साथ मनचाही संतुष्टि न मिले और रिश्ते में भावनात्मक दूरी महसूस हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से कंधे और गर्दन में तेज दर्द हो सकता है, जिससे आपके कामकाज पर भी असर पड़ सकता है।
उपाय- गुरुवार को किसी गरीब ब्राह्मण को भोजन दान करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। Omasttro के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध ग्रह तब कमजोर होता है जब यह जन्म कुंडली में नीच राशि (मीन) में हो, पाप ग्रहों (राहु, केतु, शनि या मंगल) के साथ स्थित हो, या अशुभ दृष्टि से प्रभावित हो।
कमजोर बुध से व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित रहती है, बोलने में गलती होती है, निर्णय गलत होते हैं, और व्यापार या शिक्षा में अड़चनें आती हैं। कभी-कभी चिंता, तनाव या नींद की दिक्कत भी हो सकती है।
अगर व्यक्ति भूलने लगता है, बातों में अस्पष्टता आती है, लोगों से गलतफहमी होती है, या हर छोटी बात पर अधिक सोचने की आदत हो जाए, तो ये कमजोर बुध के संकेत हैं।

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